US election 2024: आज से अमेरिका में वोटिंग शुरू हो गयी है इसी के साथ दुनिया भर में चर्चा भी शुरू हो गई है कि अब की बार अमेरिका में किसकी सरकार बनने जा रही है चुनाव के ओपिनियन पोल की बात करें तो डोनाल्ड ट्रंप का पलड़ा भारी दिख रहा है वहीं कुछ विश्लेषको का यह भी मानना है कि अब की बार चुनाव में कमला हैरिस ही बाजी मारेगी। पूरी दुनिया की नजर अमेरिका के चुनाव पर है अमेरिका दुनिया का सबसे ताकतवर मुल्क माना जाता है निश्चित तौर पर वहां की राजनीति से दुनिया भर की चीज प्रभावित होती है आई आज अमेरिकी चुनाव को लेकर एक विश्लेषण करते हैं। और जानते हैं भारत के हक में कौन सही रहेगा डोनाल्ड ट्रंप या फिर कमला हैरिस
आज से अमेरिका में राष्ट्रपति पद के चुनाव के लिए वोटिंग शुरू हो चुकी है। इसी के साथ दुनिया भर में अमेरिकी चुनाव को लेकर चर्चा भी हो रही है। अमेरिका दुनिया का सबसे ताकतवर मुल्क माना जाता है वहां की राजनीति से दुनिया भर की चीज प्रभावित होती हैं इसीलिए अमेरिका का चुनाव अपने आप में महत्वपूर्ण भी हो जाता है। अमेरिकी चुनाव के लिए वोटिंग जारी है। विभिन्न एजेंसियों के ओपिनियन पोल की बात करें तो कमला हैरिस और डोनाल्ड ट्रंप में कड़ा मुकाबला बताया जा रहा है। कई ओपिनियन पोल में तो इस चुनाव को अमेरिकी इतिहास का सबसे नजदीकी कड़ा मुकाबला मान रहे हैं। दुनिया भर के लोग इस बात के इंतजार में है कि अमेरिका का किंग अब की बार कौन बनने जा रहा है अमेरिका का ताज कमला हैरिस के सिर सजेगा या फिर डोनाल्ड ट्रंप अमेरिका के नए किंग होंगे। वैसे तो अभी अमेरिकी चुनाव का रिजल्ट आने में महीने भर का समय लग सकता है। लेकिन वोटिंग पूरी होने के बाद एग्जिट पोल के नतीजे से थोड़ा बहुत अनुमान तो लगाया ही जा सकता है कि अबकी बार अमेरिका में किसकी सरकार बनने जा रही है। अमेरिका में जिस दिन जिस जगह पर वोटिंग होती है उसे दिन शाम 5:00 बजे तक एग्जिट पोल पर रोक रहती है। लेकिन शाम 5:00 के बाद एग्जिट पोल जारी हो जाते हैं जिससे एक मोटा-मोटा अनुमान लगाया जा सकता है कि चुनाव में किस पार्टी का पलड़ा भारी है। एक सरकारी आदेश एग्जिट पोल के नतीजे केवल उन्हीं राज्यों में दिखाई जा सकते हैं जहां वोटिंग प्रतिशत में भारी अंतर हो। हार जीत का अंतर फासला काफी बड़ा हो।
कब जारी होगा अमेरिकी चुनाव का परिणाम
चुनाव का परिणाम इस तरह से भी स्पष्ट हो सकता है अगर कमला हैरिस या डोनाल्ड ट्रंप में एक दूसरे को भारी बढ़त मिल जाए तो एक तरह से चुनाव के नतीजे पहले ही स्पष्ट हो सकते हैं परंतु हर जीत का अंतर बेहद कम होगा तो चुनाव परिणाम के बाद ही स्थिति स्पष्ट हो सकेगी। ऐसा अमेरिका में पहले हो भी चुका है सन 2000 में अल गोर और जॉर्ज डब्ल्यू बुश के बीच जीत का मार्जन बेहद कम था उसे समय दोनों के बीच कांटे की टक्कर थी वहां पर चुनाव 7 नवंबर को संपन्न हुआ था। और चुनाव परिणाम 12 दिसंबर को जाकर जारी हुआ था। जिसमें जॉर्ज डब्ल्यू बुश विजय घोषित हुए थे। उस समय दो बार वोटो की गिनती की गई थी और जीत का अंतर बेहद कम होने के कारण अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट को चुनाव नतीजे में हस्तक्षेप करना पड़ा था। सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर जॉर्ज डब्ल्यू बुश को विजय घोषित किया गया था। कुछ चुनावी विश्लेषण के अनुसार इस बार भी कुछ ऐसी हिस्ट्री थी दिखाई दे रही है।
अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव विजेता की घोषणा जनवरी तक होगी
हालांकि अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव के नतीजे दिसंबर में स्पष्ट हो जाएंगे लेकिन विजेता की आधिकारिक घोषणा 6 जनवरी 2025 को की जाएगी। यह अमेरिकी चुनाव का पुराना इतिहास है वहां पर वोटिंग नवंबर के पहले मंगलवार से शुरू की जाती है। सबसे पहले अमेरिकी राज्यों के चुनाव परिणामों को घोषित किया जाएगा उसके बाद राज्यों के चुनावी नतीजे प्रमाणित किया जाएंगे। इसके बाद कांग्रेस के संयुक्त सत्र में वोटो की गिनती की जाएगी। उसके बाद 6 जनवरी 2025 को अमेरिकी राष्ट्रपति की घोषणा कर दी जाएगी। 2021 में इस प्रक्रिया के दौरान ही डोनाल्ड ट्रंप के समर्थकों ने राजधानी पर हमला कर दिया था। इसके बाद सी और पुलिस को स्थिति संभालती पड़ी थी।
कमला हैरिस या डोनाल्ड ट्रंप भारत के हक में कौन ज्यादा सही
अमेरिका में डेमोक्रेट पार्टी की उम्मीदवार कमला हैरिस और रिपब्लिकन पार्टी के उम्मीदवार डोनाल्ड ट्रंप के बीच कड़ा मुकाबला है दोनों के बीच 50-50 वाला मुकाबला माना जा रहा है। अब भारत के संदर्भ में बात करें तो यह सवाल भी उठना है कि भारत के हक में कौन सा उम्मीदवार सही है। वैसे तो भारत के रिश्ते रिपब्लिकन और डेमोक्रेट दोनों पार्टियों के साथ अच्छे हैं कमला हैरिस तो भारतीय मूल की भी है और डोनाल्ड ट्रंप भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अच्छे खासे मित्र भी हैं। उम्मीद की जा रही है कि भारत के लिए तो दोनों ही उम्मीदवार सही साबित होंगे।
परंतु अमेरिकी राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार और रिपब्लिकन पार्टी के नेता डोनाल्ड ट्रंप अमेरिका फर्स्ट का नारा दे चुके हैं उनकी पार्टी ने यह मुद्दा बड़े पैमाने पर उठाया है कि अमेरिका में जो अवैध रूप से प्रवासी रह रहे हैं उनको लेकर उनकी पार्टी कड़े कदम उठाएगी ऐसा माना जा रहा है कि रिपब्लिकन पार्टी वीजा नियमों को खड़ा कर सकती है और जिस तरह से डोंकी रूट से दुनिया भर के लोग अमेरिका की तरफ प्रवास कर रहे हैं और अमेरिका की नागरिकता का सपना देख रही हैं ऐसे में यह चीज प्रभावित हो सकती है। रिपब्लिकन पार्टी की सरकार आने के बाद केवल स्किल्ड लोग ही अमेरिका का वीजा आसानी से हासिल कर सकेंगे आम लोगों और छात्रों के लिए वीजा नियम कड़े किए जा सकते हैं ऐसे अनुमान रिपब्लिकन पार्टी को लेकर लगाए जा रहे हैं। जबकि कमला हैरिस की बात करें तो वह वीजा नियमों को लेकर नरम रुक रखती हैं उनकी पार्टी डेमोक्रेटिक इन चीजों को लेकर इतनी सख्त नहीं है फिलहाल डेमोक्रेटिक पार्टी की सरकार है और राष्ट्रपति जो बिडेन की सरकार में बड़े पैमाने पर भारतीय और दुनिया के अन्य देशों के लोग भी अमेरिका में बसे हैं।
भारतीय अर्थव्यवस्था पर अमेरिकी चुनाव का कैसा असर
अगर अर्थव्यवस्था के लिहाज से देखा जाए तो वहां भी दोनों ही परियों की नीतियां भारत के लिए सही है अब बड़ा सवाल ये भी है कि ट्रंप या हैरिस में कौन इंडियन इकॉनोमी के लिए बेहतर रहेगा।
एसकेआई कैपिटल के प्रबंध निदेशक नरिंदर वाधवा ने इस संबंध में मीडिया को बताया की भारत के संबंध रिपब्लिकन और डेमोक्रेटिक दोनों पार्टियों के साथ अच्छे माने जाते हैं। वर्तमान समय में डेमोक्रेटिक पार्टी की सरकार है इस दौरान भारत और यूएस के रिश्ते काफी बेहतर हुए हैं लेकिन रिपब्लकन और थोड़ा ज्यादा बिजनेस समर्थक माने जाते है। इसलिए ट्रंप का आना भारत के लिए अधिक बेहतर है। डोनाल्ड ट्रंप को देख बड़े बिजनेसमैन है और उन्होंने बड़े पैमाने पर भारत में निवेश भी किया हुआ है।
वही कमला हैरिस डेमोक्रेट्स हैं और उनका नजरिया यह है कि टैक्स दरों को काफी सुधारने करने की जरुरत है। इसलिए वह कैपिटल गेन टैक्स लगाने की बातें भी कर रही हैं जो कि कैपिटल इकॉनोमी के खिलाफ जाती हैं और उनके आने से कुछ फर्क पड़ेगा लेकिन इससे कोई बड़ा चेंज नहीं आएगा। वहीं ट्रंप के आने से बहुत बड़ा अंतर आएगा, उनका आना इकॉनोमी के लिए बूस्टर डोज के जैसे साबित हो सकता है। अगर मोटे तौर पर माना जाए तो दोनों ही पार्टियों के भारत के संबंध में कुछ फायदे और कुछ नुकसान है। अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव के लिए वोटिंग शुरू होते ही कमला हैरिस ने लिखा, ‘आज इलेक्शन डे है और आज हम इसलिए वोट करते हैं, क्योंकि हम अपने देश से प्यार करते हैं और हम अमेरिका के वादे में विश्वास करते हैं। वही डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि अमेरिका फर्स्ट वह साफ कह रहे हैं कि मेरे लिए पहले अमेरिका है बाद में कुछ और।
अगर कमला हैरिस जीती तो बन जाएगा इतिहास
अगर इस अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में डोनाल्ड ट्रंप को मात देकर अगर कमला हैरिस चुनाव जीत जाती हैं तो यह अमेरिकी इतिहास में दर्ज हो जाएगा क्योंकि अभी तक कोई महिला ऐसा कारनामा नहीं कर पाई है वह अमेरिका के 235 साल के इतिहास की पहले अमेरिकी महिला राष्ट्रपति होंगी। इसी के साथ वह पहले अश्वेत महिला राष्ट्रपति भी होगी और भारतीय मूल की भी पहली महिला होंगी जो अमेरिका की राष्ट्रपति पद की कुर्सी पर बैठने वाली होंगी।
अमेरिका में 50 राज्य हैं अधिकतर राज्य हर चुनाव में लगभग एक ही पार्टी को वोट देते हैं शिवाय स्विंग स्टेटस माने जाने वाले राज्यों के, यह स्विंग स्टेटस माने जाने वाले राज्य ही चुनाव में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं स्विंग’ राज्यों में मतदाताओं का रुझान बदलता रहता है. जनसंख्या के आधार पर राज्यों को निर्वाचक मंडल के वोट दिए जाते हैं और कुल 538 निर्वाचक मंडल वोट के लिए मतदान होता है, 270 या उससे अधिक निर्वाचक मंडल वोट पाने वाले उम्मीदवार को चुनाव में विजेता घोषित कर दिया जाता है। अबकी बार यह है अपने आप में बेहद दिलचस्प है की किसके सर अमेरिका राष्ट्रपति का ताज सजने जा रहा है।
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