Smartphone calls from space: भारतीय अंतरीक्ष अनुसंधान संस्थान (इसरो) पहली बार अमेरिका का एक विशाल सैटलाइट लॉन्च करेगा, जिससे स्मार्टफोन के जरिए सैटलाइट कनेक्टिविटी मुमकिन हो सकेगी। इसरो पहली बार अमेरिका का विशाल सैटलाइट लॉन्च करने जा रहा है। इसे एएसटी स्पेसमोबाइल कंपनी ने बनाया है।
Smartphone calls from space:
आने वाले समय में अब आप किसी भी स्मार्टफोन से सैटलाइट कनेक्टिविटी लेकर 5जी फोन और वीडियो कॉल कर सकेंगे। अभी तक ये काम या तो टेलिकॉम टावरों के जरिए होता था या फिर एलन मस्क की स्टारलिंक जैसी कंपनियों के उपकरण खरीदने पड़ते हैं। इसके लिए भारतीय अंतरीक्ष अनुसंधान संस्थान (इसरो) जल्द ही अमेरिका का एक विशाल सैटलाइट लॉन्च करने जा रहा है, जो सैटलाइट कनेक्टिविटी को मुमकिन बनाएगा।
बेहद विशाल होगा इसरो का ये सैटलाइट
इसरो के लिए ये इसलिए भी खास है क्योंकि वह पहली बार अमेरिका का इतना बड़ा सैटलाइट भारतीय रॉकेट से लॉन्च करने वाला है। अभी तक भारत ने अमेरिकी कंपनियों के छोटे-छोटे सैटलाइट ही अंतरिक्ष में पहुंचाए हैं। टीओआई के मुताबिक, ब्लूबर्ड नाम का यह सैटलाइट कितना बड़ा है, इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि इसका एंटीना 64 वर्ग मीटर बड़ा है, जो कि एक आम फुटबॉल फील्ड का लगभग आधा है। इस सैटलाइट का वजन करीब छह हजार किलो बताया जा रहा है।
जीएसएलवी से होगा लॉन्च
अमेरिकी सैटलाइट को भारत के जीएसएलवी रॉकेट के जरिए पृथ्वी की निचली कक्षा में स्थापित किया जाएगा। जीएसएलवी भारत के सफलतम रॉकेट में से एक है। इस सैटलाइट की लॉन्चिंग की जिम्मेदारी इसरो की वाणिज्यिक ईकाई न्यू स्पेस इंडिया लिमिटेड को सौंपी गई है। पहली बार वह इसरो अमेरिका के विशाल सैटलाइट को लेकर अंतरिक्ष में जा रहा है। केंद्रीय पृथ्वी विज्ञान राज्य मंत्री जितेंद्र सिंह के मुताबिक, मोबाइल कम्युनिकेशन के लिए यह अमेरिकी सैटलाइट फरवरी या मार्च में लॉन्च किया जाएगा। इससे मोबाइल फोन पर सैटलाइट के जरिए वॉइस कम्युनिकेशन संभव हो सकेगा।
गेमचेंजर होगी यह टेक्नोलोजी
इस सैटलाइट को कनेक्टिविटी के लिहाज से गेमचेंजर बताया जा रहा है। टीओआई के अनुसार, ये सैटलाइट टेक्सास की कंपनी एएसटी स्पेसमोबाइल द्वारा तैयार किया जा रहा है। अभी तक एलन मस्क की स्टारलिंक जैसी कंपनियां सैटलाइट कनेक्टिविटी उपलब्ध कराती हैं। इनके जरिए ऐसे दूरदराज के दुर्गम इलाकों में भी मोबाइल संपर्क संभव है, जहां पर टेलिकॉम टावरों की पहुंच नहीं है। लेकिन स्टारलिंक की सेवाएं लेने के लिए उसके सैटलाइट फोन और टर्मिनल खरीदने होते हैं। एएसटी स्पेसमोबाइल ने नवंबर में ट्वीट के जरिए इसरो की सेवाएं लेने की पुष्टि की थी। यह अपने आप में एक चमत्कारी कम होगा.
हर कोने में मिलेगी कनेक्टिविटी
एएसटी स्पेसमोबाइल बिल्कुल नई तकनीक का इस्तेमाल करेगी और आम स्मार्टफोन को ही सैटलाइट से कनेक्ट कर देगी। इसके लिए कोई अलग से उपकरण या स्पेशल सर्विस प्लान लेने की जरूरत नहीं होगी। एएसटी स्पेसमोबाइल का व्यापक उद्देश्य अंतरिक्ष के जरिए किफायती दाम पर 5जी ब्रॉडबैंड सर्विस देकर कनेक्टिविटी के गैप को दूर करना है। इससे ऐसे इलाकों में भी मोबाइल संपर्क उपलब्ध होगा, जो अभी तक टेलिकॉम कंपनियों की पहुंच से दूर हैं।
अभी तक केवल स्टारलिंक जैसी कंपनियां ही दे पाई है ऐसी सेवाएं
विश्व में अभी एलन मस्क की एक स्पेस कंपनी स्टरलिंक द्वारा दुनिया में ऐसी सेवाएं दी जा रही है यह कंपनी फिलहाल भी दुनिया के कई दुर्गा इलाकों में मुफ्त इंटरनेट की सेवा और कॉलिंग फैसेलिटीज दे रही है जब हम इस तकनीक को हासिल कर लेंगे तो हम कॉलिंग और इंटरनेट को भी काफी हद तक अफॉर्डेबल और सस्ता बना देंगे जैसा कि एलन मस्क ने भी करके दिखाया है यह अपने आप में एक क्रांतिकारी कदम होगा क्योंकि ऐसे में आपका मोबाइल फोन सीधे सेटेलाइट से सिग्नल रिसीव करेगा उसमें मोबाइल टावर इत्यादि लगाने का कोई खर्च नहीं करना पड़ेगा और यह टेक्नोलॉजी मोबाइल टावर टेक्नोलॉजी के मुकाबले बेहद सस्ती भी होगी इससे आम लोगों को भी बेहद फायदा होने वाला है क्योंकि इससे उन्हें सस्ते टेलीकम्युनिकेशन इंटरनेट इत्यादि का लाभ उठाने को मिलेगा भारत जैसे विकासशील देश में यह एक बड़ा ही क्रांतिकारी कदम होगा.
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