Signs of ghost: हिन्दु, मुस्लिम ईशाई लगभग सभी धर्मो में भूत, प्रेत, पिशाच, जिन्न, बुरी आत्मा या ऊपरी हवा का उल्लेख जरूर मिलता है। वहीं हम अगर विज्ञान की माने तो भूत-प्रेत जैसा कुछ नही होता परन्तु लोक-मान्यताओं में भूत-प्रेत या बुरी आत्माओं से जुड़े किस्सों की फहरिस्त बहुत लम्बी है। आईये आज इस लेख मे आपको बतायेंगे की कहीं आपके आसपास बुरी आत्मा का साया तो नही.
भूत-प्रेत और जिन्नों का सवाल को लेकर सभी धर्म मे तर्क वितर्क होते रहते है हिंदू धर्म में तो बाक़ायदा गुज़री हुई आत्माओं का आह्वान किया जाता है. तंत्र-मंत्र में यक़ीन करने वाले अक्सर ये काम करते हैं. अघोरी संप्रदाय के लोग इसके लिए मशहूर हैं. पित्र पक्ष में हिंदू धर्म के लोग अपने गुज़र चुके पितरों को तर्पण देते हैं. माना जाता है कि आत्माएं वापस इस दुनिया में आती हैं. उनका स्वागत-सत्कार होता है.
ताइवान में 90 फ़ीसदी लोग भूत देखने का दावा करते हैं. ताइवान के अलावा जापान, कोरिया, चीन और वियतनाम भूतों का महीना मनाते हैं. इनमें एक ख़ास दिन प्रेत दिवस के तौर पर मनाया जाता है. इस दिन के बारे में ये मान्यता है कि ‘घोस्ट डे’ पर आत्माएं धरती पर मुक्त रूप से विचरण करती हैं.आपने आत्माओं के वजूद को लेकर कई बातें सुनी होगा। हालांकि इसके अस्तित्व को लेकर कोई ठोस सबूत नहीं मिले है। वहीं इस मसले पर धर्म का कहना है कि आत्माएं होती है और वो भी हमारे बीच। वहीं दूसरी तरफ विज्ञान इसा बात को सिरे से खारिज कर देता है कि आत्माएं होती है। वैज्ञानिकों का कहना है कि आत्माओं के होने के कोई भी ठोस सबूत नहीं मिले है।
बता दें कि आत्माएं या फिर भूत-प्रेत से जुड़े विषय पर जब एक बार सदी के सबसे मशहूर वैज्ञानिक अल्बर्ट आइंस्टीन से पूछा गया, तो उन्होंने बड़ा ही दिलचस्प जवाब दिया था। उनका कहना था कि ऊर्जा इस ब्रह्मांड से नष्ट नहीं होती है। थर्मोडायनामिक्स का सिद्धांत भी इस बात को प्रमाणित करते हैं कि ऊर्जा न तो बन सकती है और न ही मिट सकती है। वह केवल एक जगह से दूसरी जगह अपना स्वरूप बदलती है।
परालौकिक शक्तियों के जानकारों के मुताबिक आत्मा के तीन प्रकार होती है जीव आत्मा , प्रेतात्मा और सूक्ष्मात्मा, आत्मा इंसान के शरीर में हमेशा रहती है जब आत्मा भौतिक व्यक्ति के शरीर में प्रवेश करती है तब जीवात्मा होती है, जैसे ही उसका प्रवेश कामना से भरे, इच्छाओं और वासनाओं से भरे शरीर में होता है वह प्रेतात्मा बन जाती है।
इससे आपको भूत और प्रेत में फर्क समझ आ गया होगा, भूत सबसे शुरूआती पद है यानी जब को सीधा साधा आम आदमी मरता है तो वह सबसे पहले भूत ही बनता है। और जब वह व्यक्ति कोई लालसा, इच्छा और आकांशा लेकर मरता है तो वह प्रेत बन जाता है। भूत की बहुत सारी जातियां होती है जैसे भूत, फिर प्रेत, फिर पिचाश , राक्षस वगेरह।प्रेतयोनि में जाने वाले लोग अदृश्य और बलवान हो जाते हैं। लेकिन सभी मरने वाले इसी योनि में नहीं जाते और सभी मरने वाले अदृश्य तो होते हैं लेकिन बलवान नहीं होते। यह आत्मा के कर्म और गति पर निर्भर करता है। बहुत से भूत या प्रेत योनि में न जाकर पुन: गर्भधारण कर मानव बन जाते हैं।
मरने के बाद प्रेत योनि में जाने का मुख्य कारण तीर्व आकांशाओं और इच्छाओं की अतृप्ति है। नार्मल लाइफ में भी देखा जाता है जब आपके मन में कोई नयी योजना या कुछ करने का विचार आता है तो उसके पूरा करने तक इंसान बैचैन हो जाता है और अगर किसी कारण से वो इच्छा या लालसा पूरी नहीं हो पा रही है या हमे लगता है की हमारी ये योजना या इच्छा अधूरी रह जाएगी तो हमारी कई रातों की नींद उड़ जाती है। प्रेत योनि भी ऐसी ही अशांति और अतृप्त स्तिथि से भरी जीवन दशा का नाम है।कुल मिलाकर कहें तो इन सब चीज़ों का आपके आस-पास होना एक भयावह बात है, तो चलिए आज हम आपको बताते हैं ऐसे ही पांच संकेतों के बारे में जिससे आप भी अपने आस-पास किसी भी तरह की बुरी आत्मा के होने का पता आसानी से लगा सकते हैं।
अनजानी खुशबू का एहसास
यदि आपको अचानक कभी किसी परफ्यूम या इत्र का यूज किए बिना ही कोई अजीब सी सुगंध आने लगे तो निश्चित तौर पर यह आस-पास में से किसी प्रेत-आत्मा के गुजरने या होने का संकेत है। ऐसे में डरे बिना इस महक को इग्नोर कर इसपर किसी भी प्रकार का कमेंट करने से बचना चाहिए क्योंकि माना जाता है अगर वह खुशबु आपपर हावी हो जाती है तो आप उस बुरे साएं की चपेट में आ जाते हैं। बड़े बुजुर्गों की माने तो अक्सर बुरी शक्तियाँ या प्रेत आत्मा सुगंध की ओर आकर्षित होती हैं, यही कारण है कि शमशान या कब्रिस्तान जैसी भूतहा जगहों पर जाते समय परफ्यूम या किसी भी तरह का खुशबुदार इत्र लगाने की सख्त मनाही होती है।
चीजों का मिस्प्लेस हो जाना
यदि आप भी अपने घर में मौजूद सभी चीजों को सही स्थान पर रखते हैं लेकिन उसके बावजूद भी कुछ समय बाद बिना किसी के छेड़े ही वह सामान खुदसे दूसरी जगह पर मिलता है। तो यह भी घर में किसी बिन बुलाए मेहमान के होने का एक सीधा सा संकेत है, जिससे आपको सावधान रहने की आवश्यकता है. कई बार ऐसा देखा गया है की किसी घर में किसी व्यक्ति की मौत के बाद उसका नीजी समान अपने जगह छोड़ दूसरी जगह पर पाया गया है। जानकारों की मानें तो प्रेत आत्माएँ जान-बुझकर अपने होने का एहसास कराने के लिए ऐसा करती हैं जिससे वहां मौजूद सभी लोग डर जाएँ और आत्मा का वर्चस्व स्थापित हो सके जिससे उसकी शक्ति और अधिक बढ़ सके। ऐसी अवस्था में डरे बिना समझदारी दिखाकर दिमाग से काम लेना चाहिए।
अजीब आवाजों का आना भी है एक संकेत
अगर आपके घर में भी भरी दोपहर या आधी रात को अजीब आहटें या आवाजें सुनाई देती हैं तो यह सब आपके आस-पास बुरी आत्माओं के होने का संकेत है। इसमें ज़्यादातर किसी औरत के सिसक-सिसक कर रोने, किसी बच्चे के हँसने, कुत्तों के रोने, शीशे के टूटने, नाखुनों से दीवार के खरोचने, सीढ़िओं से किसी के उतरने, पायल या घुँघरुओं के बजने या रात-बेरात दरवाजा खटखटाने जैसे आवाजें शामिल हो सकती हैं। ऐसी स्थिति में आपको घबराए बिना इन आवाज़ों के करीब जाकर उन्हे बंद करने या दबाने का प्रयास करना चाहिए जिससे बुरी शक्तियाँ और आत्माएँ आप पर हावी ना हो सकें।
पालतू जानवरों का एकदम से विचित्र व्यवहार
विज्ञान की माने तो कुत्ते, बिल्ली, गाय, बकरी या मछली जैसे पालतू जानवरों को किसी भी प्रकार की नेगेटिव एनर्जी का एहसास इंसानों से बहुत पहले ही हो जाता है। इसलिए अगर आपके पालतू जानवर भी अचानक कुछ विचित्र हरकतें करना शुरु कर देते हैं या खुद बेचैन रहने लगते हैं तो निश्चित ही आपके लिए यह एक चिंता की बात है। उनकी आवाज में असमान्य परिवर्तन या रात-बेरात उनका बेवजह चीखना चिल्लाना या शोर करना आपके लिए गौर करने वाली बात है क्योकि यह सब आपके घर में किसी प्रेत-आत्मा या नेगेटिव एनर्जी के होने का संकेत करता है।
जिसे वह जानवर देख या महसूस कर कर लेते हैं और उसकी मौजूदगी के कारण असहज महसूस करते हैं। जानकारों की माने तो कई हाउंटेड केसेस में ऐसा देखा गया है कि पातलू जानवर (विशेषकर कुत्ते) उन आत्माओं या प्रेतों द्वारा किए गये किसी भी हमले को अपने ऊपर ले लेते हैं जिसके कारण कई बार उनकी तबियत बिगड़ जाती है और तो और मृत्यु तक हो सकती है।
घर की लाइट्स और अन्य उपकारणों में हलचल होना
जैसा की सभी हॉरर मूवीज में दिखाते हैं की जब भी कोई भूत, प्रेत या पिशाच आदि अपने होने का संकेत देता है तो उस घर की लाइट्स खुद-ब-खुद जलने-भुजने लगती हैं। अगर आप भी इस वाक्य को मनगढ़त समझते हैं तो आप गलत हैं, क्योंकि विज्ञान के अनुसार नेगेटिव एनर्जीज में एक विशेष प्रकार की विद्युतचुम्बकीय शक्ति होती है जिसके प्रभाव में आकर घर में लगी लाइट्स या बाकी उपकरण खुदसे ही ऑन-ऑफ होने लगते हैं और कई बार अधिक ऊर्जा के कारण खराब भी हो जाते हैं। तो यदि आपने भी कभी ऐसा कुछ अपने घर में या आस-पास होते देखा है तो यह चिंता का विषय है क्योंकि ऐसा होना बुरी शक्तिओं के होने का प्रतीक है। इस चीज का समाधान करवाना बहुत आवश्यक होता है.
अगर आपके लगता है की घर में भी ऐसा कुछ है तो घबराए बिना इस सबका सामना करें, अपने फैमिली मेंबर्स को भी इस बारे में अवगत कराएँ और उनसे इस सब से सावधानी बरतने को कहें। उपाय के तौर पर नियमित रूप से सायकाल में धुप, लोबान, कपूर और लौंग का धुआं करें और ईश्वर पर अपना विश्वास बनाए रखें। कहा जाता है, कि अगर आप इन सब चीज़ों से डरने लगते हैं तो यह सब आपके ऊपर और अधिक हावी होने का प्रयास करते हैं, आपके ऐसा करने से इनकी ताकत तथा हिम्मत और अधिक बढ़ती है। और अगर आपको लगे कि आपके घर में कोई नेगेटिव एनर्जी है तो आपको जरूर उसका उचित उपाय करवाना चाहिए. ताकि वह एनर्जी बिना कोई नुकसान किया आपके घर से दूर हो जाए.
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