Rai Vidhansabha: हरियाणा विधानसभा चुनाव मैं अगर सोनीपत जिले की राई विधानसभा सीट की बात करें तो इस सीट पर बीजेपी काफी मजबूत दिखाई दे रही है. इस सीट से वर्तमान में भारतीय जनता पार्टी के मोहनलाल बडोली विधायक हैं. लेकिन इस चुनाव में बीजेपी ने राई विधानसभा से कद्दावर नेता कृष्णा गहलोत को उम्मीदवार बनाया है टाइम्स टुडे के ओपिनियन पोल में कृष्णा गहलावत इस सीट से जीत दर्ज करती नजर आ रही है. आइये जानते है इस सीट पर क्या समीकरण है.
हरियाणा प्रदेश में 5 अक्टूबर को होने वाले विधानसभा चुनाव का जोश पूरे चरम पर है सभी राजनीतिक पार्टियों और उनके प्रत्याशियों ने चुनाव जीतने के लिए अपनी जान रोक दी है हाल ही में कई बड़े मीडिया हाउस के द्वारा जारी किए गए सर्वे में बीजेपी और कांग्रेस के बीच कड़ी टक्कर बताई जा रही है इसी कड़ी में अगर हम सोनीपत जिले की बात करें तो कुछ सीटों पर कांग्रेस तो कुछ सीटों पर बीजेपी बेहद मजबूत नजर आ रही है हम आपके लिए सोनीपत जिले की दिल्ली से दिल्ली से सटी राई विधानसभा सीट का विश्लेषण लेकर आए हैं. राई विधानसभा सीट वर्तमान समय में बीजेपी के पास है यहां से बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष मोहनलाल बडोली विधायक है. मोहनलाल बडोली ने पिछला लोकसभा चुनाव भी लड़ा था जिसमें उन्हें कांग्रेस प्रत्याशी सतपाल ब्रह्मचारी से हार का सामना करना पड़ा था. परंतु इस बार भारतीय जनता पार्टी ने राय विधानसभा सीट से कद्दावर नेता कृष्णा गहलावत को उम्मीदवार बनाया है. तथा वहीं कांग्रेस पार्टी ने जयभगवान अंतिल को टिकट दिया है. राई विधानसभा कि अगर समीकरणों की बात करें तो यहां भाजपा काफी मजबूत नजर आ रही है.
राय विधानसभा क्षेत्र में बीजेपी की मजबूत पकड़
राय विधानसभा मैं श्रीमती कृष्णा गहलोत के समर्थन में कई बड़े भाजपा नेता जनसभा कर चुके हैं इनके के समर्थन में उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बीजेपी हरियाणा प्रदेश अध्यक्ष मोहनलाल बडोली हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी समेत अनेक बड़े नेता कृष्णा गहलावत के समर्थन में बड़ी रैलियां और जनसभा कर चुके हैं. राय विधानसभा क्षेत्र में कृष्णा गहलावत की लहर साफ़ देखी जा सकती है. जब वह गांव में चुनाव प्रचार के लिए जाती हैं तो उन्हें भारी जन समर्थन मिल रहा है. उनको मिलते जन समर्थन को देखकर उनकी जीत सुनिश्चित मानी जा रही है. श्रीमती कृष्णा गहलावत एक बेहद शिक्षित शालीन महिला नेत्री है. राई हल्के में युवाओं से लेकर महिलाओं बुजुर्गों किसानों हर वर्ग से श्रीमती कृष्णा गहलोत को भारी जन समर्थन मिल रहा है. जबकि उनके मुकाबले राई हल्के में कांग्रेस बेहद कमजोर नजर आ रही है. पहले टिकट वितरण में देरी और अब कांग्रेस की टिकट की चाह रखने वाले कई नेताओं में फूट भी नजर आ रही है जो कांग्रेस के लिए नुकसानदायक साबित हो रही है.
पूर्व विधायक जयतीर्थ दहिया ने कहा कांग्रेस को अलविदा
पूर्व में कांग्रेस के विधायक रह चुके जयतीर्थ दहिया कांग्रेस पार्टी से इस्तीफा दे चुके हैं उन्होंने मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा पर टिकटों में पक्षपात करने का आरोप लगाया है उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी ने पुराने दिग्गज कांग्रेसी नेता को दरकिनार करके सही नहीं किया है उन्होंने बयान जारी करते हुए कहा कि इसका परिणाम कांग्रेस पार्टी को राई हल्के में भुगतना पड़ेगा. जातीर्थ दहिया के कांग्रेस छोड़ने से कृष्णा गहलावत को काफी फायदा होगा. सूत्रों की मांने तो उनके समर्थक अब कृष्णा गहलावत को सपोर्ट कर सकते हैं. जिससे चुनाव में उनको और मजबूती मिलेगी कांग्रेस पार्टी कि इस फूट का कृष्णा गहलावत को पूरा फायदा मिलेगा.
राई विधानसभा क्षेत्र में 76 गांव है। इनमें से मुरथल, बहालगढ़, कुंडली, बीसवां मिल कस्बानुमा गांव हैं। इसके अलावा खेवड़ा, जाखोली, नाहरा व नाहरी बड़े गांव हैं। औद्योगिक क्षेत्र व रीयल एस्टेट का विकास होने के कारण प्रवासियों की संख्या भी अच्छी खासी है। क्षेत्र में खनन व भूमि अधिग्रहण की गलत नीति, किसान आंदोलन सबसे प्रमुख मुद्दा है। यह हलका राष्ट्रीय राजमार्ग के दोनों ओर है तथा राजधानी दिल्ली के साथ सटा हुआ है। पेयजल, विकास, नौकरिया, बिजली की 24 घटे आपूर्ति, परिवहन सुविधाएं, सड़कें, बेहतर कानून व्यवस्था आदि मुद्दे है। कृष्णा गहलावत में कृषि विपणन बोर्ड की अध्यक्ष रहते हुए राय विधानसभा क्षेत्र में अनेक विकास कार्य करवाए हैं उन्होंने लगभग सभी गांव के कच्चे रास्तों की सड़क बनवाई. अनाज मंडी बनवाई आईटीआई और अनेक शिक्षण संस्थाओं का निर्माण करवाया. श्रीमती कृष्णा गहलोत का कहना है कि वह अपने विकास कार्यों के दम पर चुनाव लड़ रहे हैं और चुनाव जीतकर वह हल्के में और ज्यादा विकास कार्य करवाएंगे.
कौन है श्रीमती कृष्णा गहलावत
श्रीमती कृष्णा गहलावत सोनीपत जिले के एक बड़े राजनीतिक घराने से संबंध रखती है वह पूर्व में हरियाणा की कृषि मंत्री रह चुकी है उनका काफी लंबा राजनीतिक जीवन रहा है. वह हमेशा से ही सामाजिक कार्यों में अग्रणी रही हैं. पहले भी राई विधानसभा से 2014 में बीजेपी की टिकट पर चुनाव लड़ चुकी है जिसमें वह मामूली अंतर से ही चुनाव हार गई थी लेकिन अबकी बार उनको मिल रहे भारी जन समर्थन को देखते हुए उनकी जीत सुनिश्चित मानी जा रही है.