Pahalgam Attack News: आतंकी हमले में हनीमून पर गए नेवी अफसर की गई जान, 3 दिन पहले हुई शादी

Pahalgam Attack News: जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में टूरिस्‍ट पर हुए आतंकी हमले में 26 पुरुषों की मौत हो गई. पीएम नरेंद्र मोदी इतनी बड़ी घटना के बाद अपना सउदी अरब का दौरा बीच में ही छोड़कर दिल्ली लौट आए हैं. यहां उन्होंने एयरपोर्ट ही पहलगाम टेरर अटैक को लेकर बैठक की. वहीं थोड़ी ही देर में वह कैबिनेट कमेटी ऑन सिक्‍योरिटी की बैठक करेंगे आतंकी हमले में भारतीय नौसेना के लेफ्टिनेंट विनय नरवाल शहीद हो गए. हाल ही में शादी के बाद वे हनीमून पर पत्नी संग पहलगाम गए थे. हमले में उनकी पत्नी सुरक्षित बचीं. लेफ्टिनेंट विनय नरवाल हरियाणा के मूल निवासी हैं. उनकी पत्नी सुरक्षित हैं. दंपति सोमवार को श्रीनगर पहुंचे थे और फिर पहलगाम घूमने गए थे. घटना के बाद पत्नी की अपने पति के शव के साथ तस्वीर सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है

पहलगाम में हुए आतंकी हमले के मद्देनजर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपनी सऊदी अरब की यात्रा बीच में ही छोड़कर बुधवार सुबह भारत लौट आए हैं. यहां दिल्ली लैंड करते ही उन्होंने पहलगाम टेरर अटैक को लेकर एयरपोर्ट पर बड़ी बैठक की. इस बैठक में एनएसए अजित डोभाल, विदेश मंत्री एस जयशंकर और विदेश सचिव विक्रम मिस्री शामिल थे.पहलनाम में हुए आतंकी हमले को लेकर पूरे देश में गुस्से का माहौल है. इस भयावह हमले में हताहत हुए लोगों के प्रति कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने गहरी संवेदना जताते हुए उनके लिए न्याय की मांग की है. राहुल गांधी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट में लिखा, ‘पहलगाम के भयावह आतंकी हमले को लेकर गृह मंत्री अमित शाह, जम्मू-कश्मीर के सीएम उमर अब्दुल्ला और जम्मू-कश्मीर कांग्रेस के अध्यक्ष तारिक कर्रा से बातचीत की है और उनसे हालात के बारे में जानकारी ली. पीड़ितों की परिवार को न्याय और हमारा पूरा समर्थन मिलना चाहिए.

पहलगाम आतंकवादी हमले को लेकर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह एक तत्काल समीक्षा बैठक की अध्यक्षता करने के लिए श्रीनगर पहुंचे और सुरक्षा बलों ने अपराधियों की तलाशी के लिए बड़े पैमाने पर अभियान शुरू किया. केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, दिल्ली में मौजूद उपराज्यपाल मनोज सिन्हा के साथ रात करीब 8.20 बजे श्रीनगर पहुंचे और उन्हें उपराज्यपाल, डीजीपी और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों की मौजूदगी में मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने आतंकवादी घटना के बारे में संक्षिप्त जानकारी दी. इसके बाद गृह मंत्री उच्च स्तरीय सुरक्षा बैठक की अध्यक्षता करने के लिए राजभवन गए. वह श्रीनगर के अस्पताल में घायल पर्यटकों और स्थानीय लोगों से भी मिलेंगे, जहां उनका इलाज चल रहा है, और बुधवार को आतंकी हमले वाली जगह का दौरा करेंगे. पहलगाम हमले पर कश्मीर में अहम बैठक करने के बाद गृह मंत्री अमित शाह ने रात भर आला अधिकारियों से हालात की जानकारी ली और सुरक्षा एजेंसियों के साथ संवाद किया.पहलगाम में हुए आतंकवादी हमलों के मद्देनजर पीएम नरेंद्र मोदी ने अपना सऊदी दौरा बीच में ही छोड़ दिया. उन्होंने जेद्दा से भारत के लिए उड़ान भर दी है. उम्मीद है कि वह सुबह तक नई दिल्ली पहुंच जाएंगे. यहां पहुंचते ही वे पहलगाम आतंकी हमलों को लेकर सुरक्षा समिति की एक अहम बैठक में हिस्सा लेंगे, जहां आगे की रणनीति बनाई जा सकती है.

 
पहलगाम आतंकी हमले में भारतीय नौसेना के लेफ्टिनेंट विनय नरवाल शहीद हो गए. हाल ही में शादी के बाद वे हनीमून पर पत्नी संग पहलगाम गए थे. हमले में उनकी पत्नी सुरक्षित बच गयी. इस हमले में कुल 26 लोग मारे गए, जिसमें दो विदेशी और दो स्थानीय भी शामिल हैं.पहलगाम आतंकी हमले (pahalgam terror attack) में भारतीय नौसेना के एक अधिकारी और खुफिया ब्यूरो के एक अधिकारी (IB) की भी जान चली गई है। नेवी अफसर लेफ्टिनेंट विनय नरवाल जो कोच्चि में तैनात थे. उनकी शादी 19 अप्रैल को हुई थी और वे हनीमून मनाने वहां गए थे. लेफ्टिनेंट विनय नरवाल हरियाणा के मूल निवासी हैं. उनकी पत्नी सुरक्षित हैं. दंपति सोमवार को श्रीनगर पहुंचे थे और फिर पहलगाम घूमने गए थे. घटना के बाद पत्नी की अपने पति के शव के साथ तस्वीर सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है.

हरियाणा के करनाल के है विनय नरवाल
विनय नरवाल करनाल के सेक्टर 7 के रहने वाले थे. वे 2 साल पहले नेवी में भर्ती हुए थे. विनय सोमवार को श्रीनगर घूमने गए थे. उनक परिवार करनाल के सेक्टर 7 में रहता है. घटना की सूचना मिलने के बाद परिवार के कुछ सदस्य श्रीनगर के लिए रवाना हो गए हैं.

‘हम बस भेलपुरी खा रहे थे…’
पत्नी ने कांपती हुई आवाज में बताया, ‘हम बस भेलपुरी खा रहे थे… और फिर उसने मेरे पति को गोली मार दी.’ महिला ने कहा, ‘बंदूकधारी ने कहा कि मेरे पति मुसलमान नहीं हैं और फिर उन्हें गोली मार दी.’

पत्नी और बच्चों के सामने मारी गोली
वहीं, हैदराबाद के खुफिया ब्यूरो (IB) के एक सेक्शन अधिकारी मनीष रंजन मंगलवार दोपहर कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले में अपनी पत्नी और बच्चों के सामने शहीद हो गए. इस हमले के दौरान कई आईबी अधिकारी अपने परिवार के साथ एक समूह में शामिल थे.

विनय नरवाल की फोटो

मेरे पति को बचा लो’
घटनास्थल से एक और वीडियो सामने आया जिसमें एक महिला रोती हुई मदद की भीख मांगती हुई दिखाई दे रही है. ‘कृपया मेरे पति को बचा लो,’ वह बार-बार चिल्लाती रही, उसके शब्द मुश्किल से सुनाई दे रहे थे क्योंकि उसका गला भर आया था.

वीडियो रिकॉर्ड करने वाला व्यक्ति महिला को सांत्वना देने की कोशिश कर रहा था. पास में ही खून से लथपथ दो आदमी बेसुध पड़े थे.

एक अन्य क्लिप में, गंभीर रूप से घायल एक आदमी की देखभाल कर रही एक महिला मदद के लिए तत्काल गुहार लगा रही थी. ‘सर, कृपया, कृपया, कृपया मदद मांगें.’

यह हमला पहलगाम के बैसरन घाटी में हुआ, जहां अक्सर पर्यटक आते हैं. इस इलाके में केवल पैदल या घोड़ों से ही पहुंचा जा सकता है. लश्कर-ए-तैयबा के एक संगठन द रेजिस्टेंस फ्रंट (टीआरएफ) ने हमले की जिम्मेदारी ली है.

पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी की प्रमुख महबूबा मुफ्ती ने पहलगाम में हुए आतंकी हमले की निंदा की. उन्होंने एक्स पर लिखा, ‘मैं पहलगाम में पर्यटकों पर हुए कायराना हमले की कड़ी निंदा करती हूं, जिसमें एक व्यक्ति की दुखद मौत हो गई और कई अन्य घायल हो गए. ऐसी हिंसा अस्वीकार्य है और इसकी निंदा की जानी चाहिए।

Pahalgam Attack: सेना की वर्दी पहनकर आए थे आतंकी.

जम्मू-कश्मीर के पहलगाम इलाके में मंगलवार को हुए आतंकी हमले में पर्यटकों के एक ग्रुप को निशाना बनाया गया. इस हमले में कुल 6 लोग घायल हुए हैं, जिनमें तीन पर्यटक और तीन स्थानीय निवासी शामिल हैं. घायलों में से दो की स्थिति गंभीर बनी हुई है, जबकि एक व्यक्ति की जान चली गई है. हमले के दौरान कुछ घोड़ों को भी गोलियां लगी हैं. फिलहाल सुरक्षाबलों ने पूरे क्षेत्र को घेरकर तलाशी अभियान तेज कर दिया है और आतंकियों की तलाश जारी है.

घुड़सवारी का आनंद ले रहे पर्यटकों पर अंधाधुंध गोलीबारी
पहलगाम आतंकी हमले पर जम्मू-कश्मीर पुलिस ने बताया कि हमला दोपहर करीब 2:30 बजे हुआ. 2-3 बंदूकधारी सैन्य वर्दी में आए और पहलगाम के बैसरन मैदानों में घुड़सवारी का आनंद ले रहे पर्यटकों पर अंधाधुंध गोलीबारी की. सूत्रों का कहना है कि यहां गाड़ी से जाने में दिक्कत है, पैदल या घोड़े से जाया जा सकता है. फिलहाल सुरक्षा बल सावधानी से आगे बढ़ रहे हैं और इलाके को घेर लिया गया है। बैसरन घाटी एक प्रसिद्ध पर्यटन स्थल है जो पहलगाम से कुछ किलोमीटर की दूरी पर स्थित है. यहां घोड़ा या पैदल रास्ते से ही पहुंचा जा सकता है. यहां बड़ी संख्या में पर्यटक हर साल घूमने आते हैं. गोलीबारी की घटना ऐसे समय में हुई है जब पर्यटक सीजन शुरू हो चुका है और घाटी में अच्छी खासी भीड़ रहती है।

हमले के पीछे TRF के आतंकी तंजीम का हाथ
पहलगाम आतंकी हमले को लेकर सीआरपीएफ की अतिरिक्त क्विक रिएक्शन टीम (QAT) घटनास्थल के लिए भेज दी गई है. शुरुआती जानकारी में सामने आया है कि इस आतंकी हमले के पीछे TRF के आतंकी तंजीम का हाथ हो सकता है. खुफिया सुरक्षा एजेंसी के मुताबिक हमलावर पुलिस/आर्मी यूनिफॉर्म में थे और उनकी तादाद 2 से 3 थी. इस हमले का मकसद खास तौर पर टूरिस्ट को निशाना बनाना था.

‘मेरे बेटे को गोली लगी है’
आतंकी हमले के बाद एक महिला का वीडियो सामने आया है, जिसमें वह कह रही है कि मेरे बेटे को गोली लगी है. हमले में घायलों को स्थानीय हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया है.

जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री और पीडीपी चीफ महबूबा मुफ्ती ने पहलगाम में हुए आतंकी हमले की निंदा की. महबूबा ने कहा कि हमारी संवेदनाएं पीड़ितों और उनके परिवारों के साथ है.

पूर्व DGP ने जताई चिंता
पहलगाम में हुए आतंकी हमले पर J&K के पूर्व DGP एसपी वैद ने चिंता जाहिर की है. कुछ समय में अमरनाथ यात्रा भी आने वाली है और पहलगाम में ही बेस कैंप है. प्रदेश में टूरिज्म अभी पीक पर है. क्योंकि भारत के ज्यादातर इलाकों में भीषण गर्मी पड़ रही है. ज्यादातर आतंकी टूरिस्ट पर हमला नहीं करते है. क्योंकि इसे स्थानीय लोगों के व्यापार पर असर पड़ेगा. ये पर्यटक जहां पहुंचे थे वो पहाड़ की ऊंचाई थी, सभी जगह पुलिसवाले नहीं पहुंच सकते. आतंकी को मौका मिला और उन्होंने पर्यटकों को टारगेट किया.

हमले मे घायल लोगो की सूची

हमले मे जान गवाने वालों की सूची

पहलगाम आतंकी हमले का मास्टरमाइंड सैफुल्लाह खालिद, जिस पर पाक सेना बरसाती है फूल

जम्मू और कश्मीर के पहलगाम के बैसारन घाटी में हुए आतंकी हमले ने पूरे देश को झकझोर दिया है. इस हमले में अब तक 16 लोगों की मौत हो चुकी है. 10 लोग गंभीर रूप से घायल है, जिनका इलाज चल रहा है. इस हमले की जिम्मेदारी पाकिस्तान स्थित आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा के मुखौटे टीआरएफ यानी ‘द रेजिस्टेंस फ्रंट’ ने ली है. सूत्रों द्वारा पता चला है कि जम्मू और कश्मीर में लश्कर और टीआरएफ की आतंकी गतिविधियों के पीछे आतंकवादी सैफुल्लाह खालिद का दिमाग है. वो इन हमलों का मास्टरमाइंड है.लश्कर-ए-तैयबा डिप्टी चीफ सैफुल्लाह खालिद को सैफुल्लाह कसूरी के नाम से भी जाना जाता है. ये हिंदुस्तान के सबसे बड़े दुश्मन हाफीज सईद का बहुत करीबी है. भारत में कई बड़े आतंकी हमलों में इसका नाम आता रहा है. ये हमेशा लग्जरी कारों से चलता है. इसकी सुरक्षा में हमेशा लश्कर के आतंकी अत्याधुनिक हथियारों से लैश रहते हैं. पाकिस्तान नें इसका रसूख इसी बात से समझा जा सकता है कि वहां कि सेना के अफसर भी इसके उपर फूलों की बारिश करते हैं. ये पाकिस्तानी सेना के जवानों को भड़काने का काम करता है.

ताजा आतंकी हमले से दो महीने पहले ही सैफुल्लाह खालिद पाकिस्तान के पंजाब के कंगनपुर पहुंचा था, जहां पाकिस्तान सेना की एक बड़ी बटालियन रहती है. वहां पाक सेना के एक कर्नल जाहिद जरीन खटक ने उसे जेहादी भाषण देने के लिए बुलाया था. उसके वहां पहुंचने के बाद खुद कर्नल ने उसके उपर फूल बरसाए. इसके बाद इसने पाक सेना को भारत के खिलाफ जमकर भड़काया. उसने यहां तक कहा कि वे लोग भारतीय सैनिकों का जितना कत्ल करेंगे, अल्लाह उन्हें उतना उतना ही शवाब देगा. इसे चाहे जैसे अंजाम दिया जाए.इसी तरह पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में आयोजित एक सभा में भी इसने भारत के खिलाफ जमकर जहर उगाला था. इसने कहा था, ”मैं वादा करता हूं कि आज 2 फरवरी 2025 है. 2 फरवरी 2026 तक कश्मीर पर हम कब्जा करने की पूरी कोशिश करेंगे. आने वाले दिनों में हमारे मुजाहिदीन हमले तेज कर देंगे. हमें उम्मीद है कि 2 फरवरी 2026 तक कश्मीर आजाद हो जाएगा.” इस सभा का आयोजन आईएसआई और पाक सेना ने मिलकर किया था. उसे सुनने के लिए बड़ी संख्या में हथियारबंद आतंकी शामिल हुए थे.

एक इंटेलिजेंस रिपोर्ट के अनुसार, पिछले साल सैकड़ों पाकिस्तानी लड़कों ने एबटाबाद के जंगलों में आयोजित एक आतंकी कैंप में हिस्सा लिया था. इसे लश्कर-ए-तैयबा के पॉलिटिकल विंग पीएमएमएल और एसएमएल ने आयोजित किया था. इसमें सैफुल्लाह कसूरी भी मौजूद था. उसने इस कैंप से आतंकी हमलों के लिए लड़कों का चयन किया था, जिन्हें बाद में टारगेट किलिंग के लिए ट्रेनिंग दी गई थी. यहां भी सैफुल्लाह ने भारत के खिलाफ भड़काऊ भाषण देकर वहां मौजूद लड़कों को उकसाया था.

इन लड़कों को आतंकी ट्रेनिंग देने के बाद पाकिस्तानी सेना की मदद से सीमा पार घुसपैठ कराने की बात भी सामने आई थी. 5 अगस्त 2019 को संविधान में संशोधन करके जम्मू-कश्मीर से धारा 370 और 35ए को हटाया गया था. इसके बाद पाकिस्तान स्थित आतंकी संगठनों लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद को कवर करने के लिए आईएसआई ने टीआरएफ यानी ‘द रेजिस्टेंस फ्रंट’ का गठन किया था. पाकिस्तानी सेना इस आतंकी संगठन की मदद करती है. लश्कर के फंडिंग चैनलों का इस्तेमाल होता है.

गृह मंत्रालय ने भी राज्यसभा में बताया था, “द रेजिस्टेंस फ्रंट (टीआरएफ) आतंकवादी संगठन लश्कर-ए-तैयबा का एक मुखौटा संगठन है.” साल 2019 में टीआरएफ अस्तित्व में आया था. उसके बाद से वो जम्मू और कश्मीर में लगातार आतंकी हमले कर रहा है. टीआरएफ का ‘हिट स्क्वॉड’ और ‘फाल्कन स्क्वॉड’ आने वाले दिनों में कश्मीर में बड़ी चुनौती पेश कर सकता है. इस आतंकी मॉड्यूल को टारगेट किलिंग को अंजाम देने, जंगली और ऊंचे इलाकों में छिपने के लिए ट्रेंड किया गया है.

15 साल, 11 आतंकी हमले और 227 लोगों की मौत… जानें J&K में आतंकियों ने आम लोगों पर कब-कब बरपाया कहर

साल 2000 के बाद जम्मू-कश्मीर में आम लोगों पर हुए बड़े आतंकी हमले…

21 मार्च, 2000:-

21 मार्च की रात को अनंतनाग जिले के छत्तीसिंहपोरा गांव में आतंकवादियों ने अल्पसंख्यक सिख समुदाय को निशाना बनाया था. इस हमले में 36 लोग मारे गए थे.

अगस्त 2000:-

पहलगाम के नुनवान बेस कैंप हुए आतंकी हमले में दो दर्जन अमरनाथ तीर्थ यात्रियों सहित 32 लोग मारे गए थे.

जुलाई 2001:-

अमरनाथ यात्रियों को फिर से निशाना बनाया गया. इस बार अनंतनाग के शेषनाग बेस कैंप पर आतंकी हमला हुआ, जिसमें 13 लोग मारे गए.

1 अक्टूबर, 2001:-

श्रीनगर में जम्मू और कश्मीर राज्य विधानमंडल परिसर पर आत्मघाती (फिदायीन) आतंकवादी हमला हुआ. इस हमले में 36 लोग मारे गए थे.

2002:-

कश्मीर के चंदनवारी बेस कैंप पर आतंकी हमला हुआ, जिसमें 11 अमरनाथ यात्री मारे गए थे.

23 नवंबर, 2002:-

जम्मू-श्रीनगर नेशनल हाइवे पर दक्षिण कश्मीर के लोअर मुंडा में एक इम्प्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस (आईईडी) विस्फोट में 9 सुरक्षाकर्मियों, 3 महिलाओं और 2 बच्चों सहित 19 लोगों की जान चली गई.

23 मार्च, 2003:-

आतंकवादियों ने पुलवामा जिले के नंदीमार्ग गांव में 11 महिलाओं और 2 बच्चों सहित कम से कम 24 कश्मीरी पंडितों की हत्या कर दी.

13 जून, 2005:-

पुलवामा में एक सरकारी स्कूल के सामने भीड़भाड़ वाले बाजार में विस्फोटकों से लदी एक कार में विस्फोट होने से 2 स्कूली बच्चों और 3 सीआरपीएफ अधिकारियों सहित 13 लोग मारे गए. इस हमले में 100 से अधिक लोग घायल हुए थे.

12 जून, 2006:-

कश्मीर के कुलगाम में 9 नेपाली और बिहारी मजदूर आतंकी हमले में मारे गए थे. उन पर आतंकियों ने टारगेट कीलिंग किया था.

10 जुलाई, 2017:- 

कश्मीर के कुलगाम में अमरनाथ यात्रा बस पर आतंकी हमला हुआ था. इस हमले में 8 लोगों की मौत हो गई थी.

22 अप्रैल, 2025:- पहलगाम के बैसारन घाटी में मौजूद टूरिस्टों पर आतंकी हमले में 26 से अधिक लोगों की मौत की आशंका.

बैसारन घाटी में हमले के वक्त आतंकियों ने सेना की नकली वर्दी पहनी हुई थीं, इसलिए शुरुआत में किसी को उनपर शक नहीं हुआ. लेकिन थोड़ी देर बाद ही जब उन्होंने हिंदू पर्यटकों की पहचान पूछकर उनपर फायरिंग शुरू कर दी तो भगदड़ गई. आतंकियों ने जानबूझकर ऐसे हिंदू पुरुषों को निशाना बनाया, जो अपनी पत्नी या परिवार के साथ आए थे. इस आतंकी हमले की तस्वीरें और वीडियो बहुत भयानक हैं. इस वीडियो में जिन महिलाओं के पतियों पर आतंकवादी हमला हुआ है, वो रोती और बिलखती हुई दिख रही हैं. 
 
5 अगस्त 2019 को संविधान में संशोधन करके जम्मू-कश्मीर से धारा 370 और 35ए को हटाया गया था. इसके बाद पाकिस्तान स्थित आतंकी संगठनों लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद को कवर करने के लिए आईएसआई ने टीआरएफ यानी ‘द रेजिस्टेंस फ्रंट’ का गठन किया था. पाकिस्तानी सेना इस आतंकी संगठन की मदद करती है. टीआरएफ ज़्यादातर लश्कर के फंडिंग चैनलों का इस्तेमाल करता है. गृह मंत्रालय ने राज्यसभा में बताया था, “द रेजिस्टेंस फ्रंट (टीआरएफ) आतंकवादी संगठन लश्कर-ए-तैयबा का एक मुखौटा संगठन है.

PoK लेने का अब वक्त आ गया…’ पहलगाम आतंकी हमले के बाद उठने लगी आवाज

 

जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए भीषण आतंकी हमले के बाद पूरे देश में गुस्से की लहर है. इस क्रूर हमले में 2 विदेशी पर्यटकों समेत 27 लोगों की हत्या के बाद अब आवाजें उठने लगी हैं कि भारत को अब और इंतजार नहीं करना चाहिए. PoK (पाक अधिकृत कश्मीर) को लेने का वक्त आ गया है.अखिल भारतीय आतंकवाद विरोधी मोर्चा के चेयरमैन एमएस बिट्टा ने इस हमले के बाद सख्त लहजे में कहा, ‘अब PoK लेने का वक्त आ गया है. अगर देश की रक्षा के लिए जान कुर्बान करनी पड़े, तो हम तैयार हैं.’ बिट्टा ने कहा कि अब पाकिस्तान को उसी की भाषा में जवाब देने का वक्त है. उन्होंने कहा, ‘PoK का मुद्दा उखाड़ कर फेंक दो… मौत का कफन बांध लो, लेकिन अब फैसला जरूरी है.’

आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में इजरायल और अमेरिका भारत के साथ’

 

पहलगाम आतंकी हमले ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया है. भारत यात्रा पर आए अमेरिकी उपराष्ट्रपति जेडी वेंस, इजरायल के विदेश मंत्री गिदोन सार और यूक्रेन के भारतीय दूतावास ने भी हमले की निंदा की है. अमेरिका के उपराष्ट्रपति जेडी वेंस ने मारे गए लोगों के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त करते हुए ‘एक्स’ पर लिखा, “उषा और मैं भारत के पहलगाम में हुए विनाशकारी आतंकवादी हमले के पीड़ितों के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त करते हैं. पिछले कुछ दिनों में, हम इस देश और इसके लोगों की खूबसूरती से अभिभूत हो गए हैं. इस भयानक हमले में हमारे विचार और प्रार्थनाएं उनके साथ हैं.”

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