Manmohan Singh Death: पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह का निधन, लम्बे समय से बीमार चल रहे थे, दिल्ली एम्स मे ली अंतिम सांस

Manmohan singh death: भारत के पूर्व प्रधानमंत्री और देश को आर्थिक संकट से उबारने वाले खेवनहार डॉक्‍टर मनमोहन सिंह के निधन की दुखद खबर आई है. सांस लेने में दिक्कत की शिकायत के बाद उन्हें एम्स दिल्ली में भर्ती कराया गया था। उन्हें आपातकालीन विभाग में भर्ती कराया गया। कई विभागों की टीमों ने उनके स्वास्थ्य पर नजर रखी, लेकिन वे उन्हें बचा नहीं सके। रॉबर्ट वाड्रा ने फेसबुक पर एक पोस्ट शेयर कर पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के निधन पर अफसोस जताया और उन्हें श्रद्धांजलि दी. दिल्ली एम्स में कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं और उनके परिवार के सदस्यों के आने का सिलसिला शुरू हो गया है.

मनमोहन सिंह ने उस समय देश का नेतृत्व संभाला जब देश गठबंधन की राजनीति के दौर में था। उस समय, उन्होंने देश के प्रधान मंत्री के रूप में दो कार्यकाल दिए। प्रधानमंत्री के रूप में मनमोहन सिंह के कार्यकाल के दौरान कई ऐसे फैसले लिए गए जिनके देश पर दूरगामी परिणाम हुए। चाहे वह अमेरिका के साथ परमाणु समझौता हो या मनरेगा जैसी दूरगामी योजना की शुरूआत। उन्होंने 2008 में आर्थिक संकट के दौरान भी अपने कौशल का प्रदर्शन किया था। अपनी नीतियों के कारण, भारत को केवल मामूली नुकसान हुआ जब अमेरिका सहित अन्य देशों की आर्थिक संरचना ध्वस्त हो गई। इससे पहले, 1990 के दशक की शुरुआत में, तत्कालीन प्रधान मंत्री पी.वी. नरसिम्हा राव ने वित्त मंत्रालय का नेतृत्व मनमोहन सिंह को सौंप दिया। उस समय देश भयंकर आर्थिक संकट में था। भारत भुगतान संतुलन की कठिनाइयों का सामना कर रहा है। फिर भी मनमोहन सिंह की नीतियों ने देश को गंभीर संकटों से बाहर निकाला.

पहले भी कई बार अस्‍पताल में हो चुके थे भर्ती
पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह को इससे पहले भी कई बार अस्‍पताल में भर्ती कराया जा चुका था. उम्र संबंधी समस्‍याओं के चलते उन्‍हें अक्‍सर तकलीफ मे चल रहे थे. इस बार बताया जा रहा है कि पूर्व प्रधानमंत्री को सांस लेने में दिक्‍कतों की वजह से दिल्‍ली एम्‍स में भर्ती कराया गया था और वहा  सीनियर डॉक्‍टर्स की टीम की देखरेख में उनका इलाज चल रहा था. विभिन्‍न डिपार्टमेंट के डॉक्‍टरों की टीम मनमोहन सिंह के स्‍वास्‍थ्‍य और उनकी स्थिति पर नजर बनाए हुए थे और  बता दें कि डॉक्‍टर मनमोहन सिंह का जन्‍म साल 1932 में पाकिस्‍तान में हुआ था. बंटवारे के बाद वह भारत आ गए थे. आज पूर्व पीएम श्री मनमोहन सिंह का 92 साल की उम्र में निधन हो गया.

मनमोहन सिंह ने भारत के आर्थिक परिदृश्‍य को बदला उपराष्‍ट्रपति धनखड़

उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के निधन पर शोक व्यक्त करते हुए  कहा कि उन्होंने भारत के आर्थिक परिदृश्य को पूरी तरह से बदला था और ऐसे समय मे जब देश को उनकी जरूरत थी उपराष्ट्रपति सचिवालय ने धनखड़ के हवाले से कहा, ‘मनमोहन सिंह ने साहसपूर्वक हमारे देश को महत्वपूर्ण परिवर्तन के दौर में संभाला और विकास तथा समृद्धि के नए रास्ते खोले.’ मनमोहन सिंह को 1991 में भारत के आर्थिक उदारीकरण के वास्तुकार के रूप में जाना जाता है. धनखड़ राज्यसभा के सभापति भी हैं. मनमोहन सिंह उच्च सदन के पूर्व सदस्य थे.

मेरे लिए उनका साथी होना फख्र की बात- इमरान प्रतापगढ़ी

कांग्रेस सांसद इमरान प्रतापगढ़ी ने उनके निधन पर कहा की मेरे जैसे युवा सांसद के लिए शायद इससे बड़ी फख्र की बात और क्या हो सकती है कि राज्यसभा में मनमोहन सिंह की सीट के पास सीट एलॉट हुई. वो एकाध बार सदन में अपनी व्हील चेयर पर आए तो बड़े अदब से उन्हें बार’बार देखता रहा, कितनी सादगी थी शख़्सियत में. अलविदा डॉ. साहब, मैं आने वाली नई पीढ़ी को गर्व से बताया करूंगा कि मैंने डॉ. मनमोहन सिंह साहब के साथ बैठ कर संसद की कार्यवाही में हिस्सा लिया.

देश में 7 दिन का राष्‍ट्रीय शोक रहेगा

पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के निधन पर पूरा देश स्‍तब्‍ध है. देश के महान सपूत के निधन के बाद देश में 7 दिन के राष्‍ट्रीय शोक का ऐलान किया गया है. इस दौरान तिरंगा आधा झुका रहेगा. शुक्रवार सुबह को केंद्रीय कैबिनेट की मीटिंग भी होनी है.भारत में किसी पूर्व प्रधानमंत्री के निधन पर आमतौर पर 7 दिन का राष्ट्रीय शोक घोषित किया जाता है. इस दौरान राष्ट्रीय ध्वज आधा झुका रहता है. कोई सरकारी समारोह या उत्सव आयोजित नहीं किए जाते. पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के निधन पर भी सात दिनों का राष्ट्रीय शोक सरकार द्वारा रात में घोषित किया गया.  हालांकि, शोक अवधि का निर्णय भारत सरकार के दिशा-निर्देशों और परिस्थितियों पर निर्भर करता है. पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के निधन 26 दिसंबर को एम्स में 92 साल की उम्र में हो गया.

PM  मोदी ने दी श्रद्धांजलि

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पूर्व पीएम डॉक्‍टर मनमोहन सिंह के निधन पर शोक जताया है पीएम मोदी ने कहा की भारत अपने सबसे प्रतिष्ठित नेताओं में से एक डॉ. मनमोहन सिंह जी के निधन पर शोक मनाता है. वह साधारण परिवार से उठकर वह एक प्रतिष्ठित अर्थशास्त्री बने और उन्होंने वित्त मंत्री सहित विभिन्न सरकारी पदों पर कार्य किया और सालों तक हमारी आर्थिक नीति पर एक मजबूत छाप छोड़ी है संसद में उनका हस्तक्षेप भी व्यावहारिक था. हमारे प्रधानमंत्री के रूप में उन्होंने लोगों के जीवन को बेहतर बनाने के लिए व्यापक प्रयास किए है.

सोनिया-राहुल गांधी और PM मोदी ने गुरशरण कौर को किया फोन

पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के निधन की खबर से पूरा देश शोक में डूब गया है. इस बीच, सोनिया गांधी और राहुल गांधी और PM मोदी ने मनमोहन सिंह की पत्‍नी गुरशरण कौर से बात की है. बता दें कि गुरशरण कौर पहले ही दिल्‍ली एम्‍स पहुंच गई थीं.

जब हमारा देश गठबंधन की राजनीति के बुरे दौर से गुजर रहा था. वैसे वक्‍त में उन्‍होंने दो कार्यकाल तक देश के पीएम का पद संभाला था और मनमोहन सिंह के प्रधानमंत्रित्‍व काल में कई ऐसे फैसले लिए गए थे जिसका देश पर दूरगामी असर दिखा था  फिर चाहे वह अमेरिका के साथ परमाणु करार हो या फिर मनरेगा जैसी दूरगामी योजना को लॉन्‍च करना हो और उन्‍होंने साल 2008 की आर्थिक मंदी के दौरान भी अपने कौशल का परिचय दिया था. उनकी नीतियों के बदौलत ही जब अमेरिका समेत अन्‍य देश का आर्थिक तानाबाना ध्‍वस्‍त हो रहा था, तब भारत पर इसक नाम मात्र का असर पड़ा था इससे पहले 90 के शुरुआती दशक में तत्‍कालीन प्रधानमंत्री पीवी नरसिम्‍हा राव ने जब मनमोहन सिंह को वित्‍त मंत्रालय की जिम्‍मेदारी सौंपी थी. उस समय देश गंभीर आर्थिक संकट से जूझ रहा था. भारत बैलेंस ऑफ पेमेंट की मुश्किलों से दो-चार हो रहा था. मनमोहन सिंह ने उस वक्‍त भी अपनी नीतियों के दम पर देश को गंभीर मुश्किलों के दौर से निकाला था.

सौम्‍य और मृदुभाषी स्‍वभाव के थे मनमोहन सिंह
सौम्य और मृदुभाषी स्वभाव वाले मनमोहन सिंह भारत में आर्थिक सुधारों का सूत्रपात करने वाले शीर्ष अर्थशास्त्री और प्रधानमंत्री के तौर पर लगातार दो बार गठबंधन सरकार चलाने वाले कांग्रेस के पहले नेता के तौर पर याद किए जाएंगे. दुनिया के सबसे बड़े लोकतांत्रिक राष्ट्र के 10 वर्षों तक प्रधानमंत्री रहे सिंह को दुनिया भर में उनकी आर्थिक विद्वता तथा कार्यों के लिए सम्मान दिया जाता था. उन्होंने भारत के 14वें प्रधानमंत्री के रूप में वर्ष 2004 से 2014 तक 10 वर्षों तक देश का नेतृत्व किया था. कभी अपने गांव में मिट्टी के तेल से जलने वाले लैंप की रोशनी में पढ़ाई करने वाले सिंह आगे चलकर एक प्रतिष्ठित शिक्षाविद बने. मनमोहन सिंह की 1990 के दशक की शुरुआत में भारत को उदारीकरण की राह पर लाने के लिए सराहना की गई थी.

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) ने शुक्रवार को पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के निधन पर शोक व्यक्त करते हुए कहा कि भारत के लिए उनके योगदान को हमेशा याद रखा जाएगा।

सरसंघचालक मोहन भागवत और सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबाले ने एक संयुक्त बयान में कहा, ‘‘भारत के पूर्व प्रधानमंत्री तथा देश के वरिष्ठ नेता डॉ. सरदार मनमोहन सिंह के निधन से समूचा देश अत्यंत दुःख का अनुभव कर रहा है। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ उनके परिवार तथा असंख्य प्रियजनों को गहरी संवेदना व्यक्त करता है।

आर्थिक सुधारों के जनक डॉ मनमोहन सिंह ऐसे प्रधानमंत्री रहे जिन्होंने अपने हर फैसले से देश को मजबूत किया। एक सफल अर्थशास्त्री, एक दूरदर्शी राजनेता, एक विनम्र विद्वान और एक सौम्य व्यक्तित्व – जिनकी नीतियों ने भारत को विश्व-शक्ति की कतार में लाकर खड़ा किया था।

मनमोहन सिंह जी ने राइट टू इनफॉर्मेशन, राइट टू एजुकेशन, राइट टू फूड, मनरेगा, वनाधिकार कानून, आधार, जमीन अधिग्रहण कानून, महिला सुरक्षा कानून और लोकपाल जैसे कानून लाए, जिन्होंने देश की जनता के अधिकारों को मजबूत किया और जनता के हाथों में शक्ति दी। कार्यकाल सामाजिक कल्याण और आर्थिक समृद्धि के जाना जाएगा।

उन्होंने अपनी सादगी, सौम्यता, शालीनता और गरिमामय आचरण से अपने पद की गरिमा को और समृद्ध किया। इतिहास डॉ. मनमोहन सिंह जी को एक बेहरतरीन प्रधानमंत्री के रूप में याद रखेगा।

विनम्र श्रद्धांजलि!

Manmohan Singh No More: पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को याद करके भावुक हुए पीएम मोदी और राहुल गांधी, तमाम बड़े नेताओं ने जताया शोक

Share this article

One thought on “Manmohan Singh Death: पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह का निधन, लम्बे समय से बीमार चल रहे थे, दिल्ली एम्स मे ली अंतिम सांस

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *