Maharashtra New CM: देवेंद्र फडणवीस का CM बनना तय, 5 दिसंबर को होगा शपथ ग्रहण समारोह

Maharashtra New CM: महाराष्ट्र में NDA की प्रचंड जीत के बाद अब CM कौन बनेगा इसका फैसला जल्द ही हो जायेगा। भाजपा एवं आरएसएस की ओर से महायुति-एनडीए की जीत के मैन हीरो देवेंद्र फड़नवीस को महाराष्ट्र के नए मुख्यमंत्री बनने की चर्चा चल रही है। फडणवीस के नेतृत्व में बीजेपी तीसरी बार  100 से अधिक सीटें लाने में कामयाब रही है।

महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने अब तक की सबसे बड़ी जीत दर्ज की है अकेली बीजेपी ने महाराष्ट्र विधानसभा की 288 सीटों में से 132 सीट अपने दम पर जीती है। ऐसे में बीजेपी महाराष्ट्र में सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी है और बीजेपी के सहयोगी दल जिसमें से शिवसेना के शिंदे गुट ने 57 सीट जीती है। वही राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के अजीत पवार गुट ने भी 47 सीटों पर जीत दर्ज की है। ऐसे में अब चर्चाओं का दौर चल रहा है कि महाराष्ट्र में अगला मुख्यमंत्री कौन बनेगा। अभी महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री पद के लिए पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस का नाम सबसे आगे चल रहा है क्योंकि बीजेपी सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी है और इसके पीछे देवेंद्र फडणवीस की मेहनत है इसलिए बीजेपी  अब की बार अपना मुख्यमंत्री बनना चाहेगी। वहीं शिवसेना का शिंदे गुट  भी एकनाथ शिंदे को लेकर ही मुख्यमंत्री पद की दावेदारी पेश कर चुका है तो दूसरी ओर राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी भी अजीत पवार को मुख्यमंत्री बनाने का दावा पेश कर चुकी है ऐसे में अब इस बात को लेकर पेंच उलझ गया है कि महाराष्ट्र का अगला मुख्यमंत्री कौन बनने जा रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह और भाजपा के अध्यक्ष जेपी नड्डा के बीच एक मीटिंग हुई है। जिसमें महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री पद को लेकर के जनता से चर्चा की गई है। मीटिंग में इस बात का भी ध्यान रखा गया है कि अगर बीजेपी महाराष्ट्र में अपना मुख्यमंत्री बनती है तो उसके सहयोगी दल का ही नाराज ना हो जाए इसलिए उनके हितों का भी विशेष ध्यान रखा जाए।

महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री पद को लेकर क्या है मोदी और शाह का प्लान

गृहमंत्री अमित शाह और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री पद को लेकर एक रणनीति तैयार की है वे चाहते हैं कि महाराष्ट्र के वर्तमान मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे को अब केंद्र में भेजा जाए उनका केंद्र में मंत्री पद दिया जा सकता है और अजीत पवार को महाराष्ट्र में उप मुख्यमंत्री के सात अन्य कई मंत्री पद ऑफर किया जा सकते हैं और मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस को ही बनाया जाएगा। अब के चुनाव में बीजेपी महाराष्ट्र में सबसे बड़ा राजनीतिक दल बनकर उभरी है बीजेपी ने अपने दम पर 132 सीटों पर जीत हासिल की है। नैतिकता की आधार पर बीजेपी का मुख्यमंत्री पद पर हक भी बनता है। देवेंद्र फडणवीस महाराष्ट्र के लोकप्रिय नेता है महाराष्ट्र में बीजेपी की साख बनाने में उन्होंने जी तोड़ मेहनत की है और उनकी मेहनत चुनाव में रंग लाई है ऐसे में देवेंद्र फडणवीस मुख्यमंत्री पद के सबसे योग्य उम्मीदवार है। परंतु इसके साथ ही बीजेपी को अपने सहयोगी घटक दलों का भी विशेष ख्याल रखना होगा इसलिए चर्चा चल रही है कि भारतीय जनता पार्टी शिवसेना के नेता एकनाथ शिंदे को केंद्र में बड़ा मंत्री पद ऑफर कर सकती है और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के नेता अजित पवार को भी उपमुख्यमंत्री या कोई बड़ा मंत्रालय दिया जा सकता है।

26 नवंबर को खत्म हो चुका है विधानसभा का कार्यकाल

महाराष्ट्र में बीते कल 26 नवंबर को पिछली विधानसभा का कार्यकाल समाप्त हो चुका है ऐसे में आज हर हालत में मुख्यमंत्री पद की घोषणा करनी होगी और शीघ्र ही नई सरकार का शपथ ग्रहण करना होगा अन्यथा संविधान के हिसाब से महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन लगाया जा सकता है। इसलिए जल्द ही मुख्यमंत्री CM के नाम की घोषणा करके नई सरकार को शपथ लेनी होगी।

सांसद नरेश म्हस्के ने कहा की एकनाथ शिंदे को मुख्यमंत्री बने रहना चाहिए

वही महाराष्ट्र के एक सांसद जो शिवसेना के शिंदे गुप्त के महाराष्ट्र से सांसद हैं उन्होंने बयान दिया कि एकनाथ शिंदे को ही महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री बने रहना चाहिए क्योंकि महाराष्ट्र में लागू की गई लाडली बहिन योजना ने चुनाव में अहम भूमिका निभाई है और यह योजना मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे का ही विचार था। उन्होंने कहा कि एकनाथ शिंदे महाराष्ट्र के लोकप्रिय नेता हैं और वही मुख्यमंत्री पद के हकदार हैं तो महायुक्ति गठबंधन को चाहिए कि वह एकनाथ शिंदे को ही अगला मुख्यमंत्री घोषित करें। वहीं एनसीपी के भी कई बड़े नेताओं की ओर से बयान जारी हुए हैं की महाराष्ट्र में अबकी बार अजीत पवार को मुख्यमंत्री पद की जीने वाली मिलनी चाहिए।

नंबर के हिसाब से बीजेपी का दावा सबसे मजबूत

महाराष्ट्र में बीजेपी ने अकेले अपने दम पर 132 सीटों पर विजय हासिल की है तो बीजेपी बयान देने में बेशक हिचक रही हो परंतु मुख्यमंत्री पद के लिए बीजेपी का दावा सबसे मजबूत है भाजपा अकेले अपने दम पर 132 सिम हासिल करके बहुमत के बेहद नजदीक है। महाराष्ट्र में पिछली सरकार गठित हुई थी तो मुख्यमंत्री पद के लिए खींचतान चली आ रही थी उस समय देवेंद्र फडणवीस फिर से मुख्यमंत्री का पद चाहते थे तो तब  पीएम नरेंद्र मोदी ने देवेंद्र फडणवीस को फोन करके उन्हें मनाया था उस फोन के साथ स्थिति बदल गई थी और देवेंद्र फडणवीस ने एकनाथ शिंदे को मुख्यमंत्री पद देना स्वीकार किया और स्वयं डिप्टी सीएम बनकर संतुष्ट हो गए थे और इस गठबंधन सरकार ने अपना कार्यकाल सफलता के साथ पूरा किया था।

लोकसभा चुनाव में मजबूत हो गया था महा विकास अघाडी

लोकसभा चुनाव में महाविकास अघाड़ी (MVA) ने महाराष्ट्र की 48 सीटों में से 30 पर जीत हासिल हुई थी और यह एनडीए के लिए बड़ा झटका था। बीजेपी ने 18 सीटों पर उम्मीदवार खड़े किए थे और उसे जीत सिर्फ 3 सीटों पर ही जीत मिली थी। लोकसभा चुनाव के नतीजों ने बीजेपी को कड़ा संदेश दिया जिससे वह सतर्क हुई और राज्य के लिए अपनी रणनीति बनाने में जुट गयी। देवेंद्र फडणवीस ने विधानसभा का समर जीतने के लिए कड़ी मेहनत की जिसका परिणाम आज सामने आ गया है। ऐसी स्थिति में न तो एकनाथ शिंदे और न ही बीजेपी आलाकमान फडणवीस को मुख्यमंत्री पद देने से इनकार ही नहीं कर सकता है। देवेंद्र फडणवीस के एक बार फिर से महाराष्ट्र का मुख्यमंत्री बनने की पूरी संभावना है।

उद्धव ठाकरे के लिए शुरू हुआ कठिनाइयां भरा दौर

कभी एनडीए के खास साथी रहे बाला साहब ठाकरे के पुत्र उद्धव ठाकरे के लिए राजनीति में एक तरह से कठिनाइयां भरा दौरा शुरू हो गया है। उद्धव की पार्टी शिवसेना (यूबीटी) यानी शिवसेना (उद्धव बालासाहब ठाकरे) ने विधानसभा चुनाव में 95 सीटों पर मुकाबला किया और केवल 20 सीटें ही जीत पाई है मुख्यमंत्री बनने की महत्वाकांक्षा पूरी करने के लिए एनडीए से नाता तोड़ने वाले उद्धव न तो लंबे समय तक मुख्यमंत्री बने ही रह सके, न ही अपनी पार्टी को बचा पाए और  एकनाथ शिंदे की बगावत ने शिवसेना को बिल्कुल बुरी तरह से तोड़ डाला। शरद पवार की जैसे ही उन्हें भी अपनी मूल पार्टी से ही हाथ धोना पड़ गया। उद्धव ठाकरे लोकसभा चुनाव में महाराष्ट्र में इंडिया गठबंधन की सफलता से आत्मविश्वास से भरे हुए थे लेकिन विधानसभा चुनाव में बाजी पलट गई। और उन्हें बुरी तरह से हार का मुंह देखना पड़ा अब एक तरह से उनके राजनीतिक कैरियर पर भी संकट उठ खड़ा हुआ है।

महाराष्ट्र में कांग्रेस भी वेंटिलेटर पर

महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में कांग्रेस पार्टी की भी बिल्कुल हालत खराब हो गई है कांग्रेस पार्टी ने महाराष्ट्र में 101 सीटों पर चुनाव लड़ा और मात्र 16 सीटों पर जीत हासिल कर पाई। यह कांग्रेस पार्टी के लिए बड़ा झटका है जिस पर कांग्रेस पार्टी को अब मंथन करने की जरूरत है। सीटों के बंटवारे के दौरान महाराष्ट्र कांग्रेस के अध्यक्ष नाना पटोले के खुद जल्द फैसला न लेने और सब कुछ हाईकमान पर छोड़ने से एनसीपी (एसपी) और शिवसेना (यूबीटी) नाराज चलती रही थी। सीटों के बंटवारे में देर होने से चुनाव के लिए तेजी से रणनीति तैयार करना आसान ही नहीं था। नाना पटोले के हिस्से में पार्टी की करारी हार आई है और उन्हें भविष्य में इसका खामियाजा भी भुगतना पड़ेगा। कांग्रेस महाराष्ट्र में भी हद कमजोर हो गई है ।

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