Dr. Santram Deswal: हिंदी और हरियाणवी भाषा के जाने-माने साहित्यकार प्रोफेसर डॉक्टर संतराम देशवाल को पद्म श्री पुरस्कार के लिए चुना गया है मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने डॉक्टर देशवाल को बधाई दी है. केंद्र सरकार ने पद्म पुरस्कार 2025 की घोषणा की है जिसमें 7 हस्तियों को पद्म विभूषण 19 को पद्म भूषण और 113 को पद्मश्री पुरस्कार दिया जाएगा। आगे विस्तार से पढ़िए आखिर किन्हें कौन से पुरस्कार के लिए चयन किया गया है।
हरियाणा के जाने माने हिंदी और हरियाणवी भाषा के प्रसिद्ध साहित्यकार संतराम देशवाल को पद्मश्री 2025 अवार्ड देने की घोषणा की गई है। यह खबर मिलते ही डॉक्टर संतराम देशवाल के सेक्टर 15 स्थित आवास पर बधाई देने वालों का तांता लग गया. मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने भी डॉक्टर संतराम देशवाल जी को बधाई दी है साथ ही हरियाणा के एक और खिलाड़ी हरविंदर सिंह को भी पद्मश्री के लिए चयन किया गया है.
बता दें कि केंद्र सरकार ने पद्म पुरस्कार 2025 का एलान किया है। सूची के मुताबिक पद्म विभूषण 7, पद्म भूषण 19 और पद्म श्री पुरस्कार 113 हस्तियों को मिलेंगे।
हरियाणा के सोनीपत जिले विख्यात जाने माने साहित्यकार संतराम देशवाल को पद्मश्री अवार्ड के लिए चुना गया है। डॉक्टर संतराम देशवाल दर्जनभर पुस्तकें लिख चुके हैं। उनकी साहित्य साधना को देखते हुए उन्हें कई बड़े पुरस्कारों व सम्मानों से नवाजा जा चुका है।
कौन है डॉक्टर संतराम देशवाल
इस साल पद्मश्री पुरस्कार पाने वाले वे हरियाणा के इकलौते साहित्यकार हैं। डॉक्टर संतराम देशवाल की अब तक 30 से अधिक किताबें प्रकाशित हो चुकी हैं, जिनमें उनके आठ ललित निबंध संग्रह हैं। उनके अलावा कैथल के पैरालिंपियन हरविंदर सिंह को खेल में पद्मश्री देने की घोषणा की गई है। जिला झज्जर के खेड़का गुर्जर गांव में 24 अप्रैल, 1955 में जन्मे संतराम देशवाल पेशे से शिक्षक रहे है. सोनीपत के सीआरए कॉलेज से बतौर हिन्दी के एसोसिएट प्रोफेसर सेवानिवृत्त हुए डा. संतराम देशवाल अध्यापन के साथ साहित्य साधना में लगे हैं। उन्हें इससे पहले जनकवि मेहर सिंह पुरस्कार-2014 से नवाजा जा चुका है। उनकी ललित निबंध लोक-आलोक और कविता संग्रह अनकहे दर्द हरियाणा साहित्य अकादमी द्वारा सर्वश्रेष्ठ पुस्तक के रूप में पुरस्कृत हो चुकी हैं। डाक्टर संतराम देशवाल बेहद सादगी भरे जीवन के शौकीन है. अपनी सेवा निवर्ति के बाद वह अपनी साहित्य साधना में पूरी तरह से लीन रहते हैं

सोनीपत रत्न और महाकवि सूरदास आजीवन साहित्य साधना पुरस्कार भी मिल चुका है
हरियाणा साहित्य अकादमी ने पिछले साल उन्हें महाकवि सूरदास आजीवन साहित्य साधना पुरस्कार के रूप में पांच लाख रुपये की राशि प्रदान कर चुकी है। डा. देशवाल को सर्वोत्तम पत्रकारिता सम्मान, लोक शिरोमणि सम्मान, बाल मुकुंद गुप्त साहित्य सम्मान, सर्वोत्तम शिक्षक सम्मान, हिंदी सहस्त्राब्दी सम्मान, काव्य कलश सम्मान, सोनीपत रत्न सम्मान मिल चुका है।
कई पत्रिकाओं का संपादन भी कर चुके है
उन्होंने कई पत्रिकाओं का संपादन भी किया है और साहित्य अकादमी की हरिगंधा नामक प्रतिष्ठित पत्रिका का अतिथि संपादक रह चुके हैं। अपनी इस उपलब्धि का श्रेय डा. देशवाल ने मेहनत, बहुपठन के साथ-साथ गुरुजनों, बुजुर्गों, पूर्वजों के साथ साथ अपनी जीवन संगिनी डा. राजकला देशवाल को देते हैं।
राजकला देशवाल को भी पांच-छह बड़े सम्मान मिल चुके हैं। सोनीपत के सेक्टर-15 में उनके आवास पर बधाई देने वालों का तांता लगा रहा।

डाक्टर संतराम देशवाल की धर्मपत्नी डॉ राज कल देशवाल भी है प्रसिद्ध साहित्यकार
डाक्टर संतराम देशवाल की धर्मपत्नी डॉक्टर राजकला देशवाल भी जानी-मानी हिंदी साहित्यकार व कवि है उनकी भी कई कविताएं प्रकाशित हो चुकी हैं हरियाणा में उन्हें स्वर कोकिला के नाम से जाना जाता है.डॉ. राजकला देशवाल को उनकी पुस्तक ‘लोकगीत के विविध आयाम’ के लिए सर्वश्रेष्ठ कृति पुरस्कार से सम्मानित किया जा चुका है. डॉ राजकला देशवाल भी हिंदी भाषा की प्रोफेसर रही है. वह सोनीपत के मुरथल कन्या विश्वविद्यालय से कुछ वर्ष पहले ही प्रधानाचार्य के पद से सेवा निवृत्त हुई थी.
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