Delhi Air Pollution: दिल्ली एनसीआर के इलाकों में प्रदूषण की गंभीर स्थिति, आने वाले दिनों मैं और बढ़ सकता है प्रदूषण

Delhi Air Pollution: राजधानी दिल्ली में प्रदूषण खतरनाक स्थिति में पहुंच चुका है दिवाली के बाद राजधानी दिल्ली का AQI कई इलाकों में 400 पर पहुंच चुका है दिल्ली के साथ लगते एनसीआर के इलाकों में भी स्थिति बेहद खराब है नोएडा गाजियाबाद गुड़गांव और सोनीपत में भी हालात अच्छे नहीं है यहां की हवा भी जहरीली हो चुकी है। कुछ लोग इसका ठीकरा करली के धुएं पर फोड़ रहे हैं तो कुछ लोग दिवाली के पटाखे से बड़े प्रदूषण को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं हमारी टीम ने दिल्ली के बढ़ते प्रदूषण का गहनता से विश्लेषण किया है आईए जानते हैं क्यों राजधानी दिल्ली का प्रदूषण इस कदर बढ़ रहा है।

बीते रविवार को राजधानी दिल्ली का AQI 400 पर पहुंच गया है राजधानी दिल्ली के लगभग 16 इलाकों  400 पर पहुंच गया। यह वायु प्रदूषण की एक ग़ंभीर सिथति है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रक बोर्ड की माने तो आने वाले दिनों में प्रदूषण की स्थिति और ज्यादा खराब होने वाली है क्योंकि आने वाले दिनों में ठंड बढ़ने वाली है जिससे राजधानी क्षेत्र में स्मॉग जैसी स्थिति उत्पन्न हो सकती है अगर ऐसा हुआ तो हालात और ज्यादा खतरनाक होंगे। देशभर के 282 शहरों के एयर क्वालिटी इंडेक्स के अनुसार राजधानी दिल्ली फिलहाल सबसे प्रदूषित शहरों में है राजधानी दिल्ली ने कानपुर जैसे औद्योगिक शहरों  को भी प्रदूषण के मामले में पीछे छोड़ दिया है। राजधानी दिल्ली में साउथ दिल्ली के कुछ इलाकों को छोड़ दें तो उत्तरी दिल्ली और पूर्वी दिल्ली के इलाकों में प्रदूषण के हालात बेहद चिंताजनक है इन इलाकों का प्रदूषण का स्टार 380 से लेकर 400 तक दर्ज किया गया है।

राजधानी के इन इलाकों में यह है प्रदूषण की स्थिति

बीते रविवार को राजधानी के इन इलाकों में प्रदूषण का स्तरीय है मापा गया जो आप देख सकते हैं

  • आनंद विहार- 436
  • रोहिणी- 435
  • नेहरू नगर- 430
  • पंजाबी बाग- 425
  • मुंडका- 423
  • अशोक विहार- 421
  • वजीरपुर- 420
  • जहांगीरपुरी- 414
  • एनएसआइटी द्वारका- 413
  • द्वारका सेक्टर आठ- 410
  • पटपड़गंज- 407
  • बवाना- 405
  • विवेक विहार- 404
  • डीयू नार्थ कैंपस- 402
  • ओखला फेज दो- 402
  • नजफगढ़- 401         
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राजधानी दिल्ली के साथ ही एनसीआर में भी हवा की गुणवत्ता बेहद खराब

राजधानी दिल्ली के साथ ही नोएडा गाजियाबाद गुरुग्राम बहादुरगढ़ और सोनीपत में भी हवा की गुणवत्ता बेहद खराब है इन शहरों का Aqi भी खतरनाक स्थिति में दर्ज किया गया है। इन शहरों में Aqi सोनीपत 242,नोएडा- 313,फरीदाबाद- 250
गाजियाबाद- 292,ग्रेटर नोएडा- 248, गुरुग्राम- 282 दर्ज किया गया है।

आखिर क्यों तेजी से बढ़ रहा है राजधानी दिल्ली का प्रदूषण

जब राजधानी दिल्ली के बढ़ते प्रदूषण पर विश्लेषण किया गया तो कुछ विशेषज्ञको का मानना है कि यह प्रदूषण पराली की वजह से बढ़ रहा है। तो कुछ  का कहना है कि प्रदूषण का स्तर दीपावली के बाद पटाखों के धुंए से पोल्लूशन बढ़ा है। जब टाइम्स टुडे की टीम में बढ़ते प्रदूषण के पीछे की वजह जानने की कोशिश की तो पता चला कि दिल्ली के वायु प्रदूषण में वाहनों की हिस्सेदारी 16.06 प्रतिशत रही है और पिछले कुछ दिनों से प्रदूषण में पराली के धुएं की भूमिका बढ़ी जरूर है परंतु इससे दिवाली के दौरान भारी मात्र में हुई आतीसबाजी और NCR एरिया के कारखानों के धुंए की भागीदारी 35.17 प्रतिशत व दो नवंबर को प्रदूषण में पराली के धुएं की भागीदारी 8 प्रतिशत थी। गनीमत है कि तीन नवंबर को हवा दक्षिण पूर्व की तरफ से चल रही थी। तो पराली का धुँआ राजधानी दिल्ली में कम पहुंच पाया। परंतु हमें यह जान लेना चाहिए कि पश्चिमी हवाओं में केवल परली का दुआ ही राजधानी क्षेत्र में नहीं पहुंचता इसके साथ ही दिल्ली से लगते एनसीआर के इलाकों में लगे हुए कारखाने ईंट भट्ठे, सोनीपत और बहादुरगढ़ के इलाकों में लगी हुई फैक्टरीज का धुआं भी राजधानी में पहुंचता है तो पॉल्यूशन का ठीकरा केवल किसानों पर फोड़ना ठीक नहीं है।

पराली जलाने को लेकर हरियाणा और पंजाब की सरकार बेहद सख्त

पराली जलाने को लेकर हरियाणा और पंजाब की सरकारी बेहद शक्ति बरत रही है। पराली जलाने वाले किसानों के खिलाफ मुकदमे दर्ज किया जा रहे हैं जिससे हरियाणा और पंजाब में पराली जलाने के मामले बेहद कम हो गए हैं और हमने हरियाणा के कई इलाकों में किसानों से बात की तो किसानों ने बताया कि उनकी परली 5 से 6000 रुपए प्रति एकड़ के हिसाब से बिक रही है तो वह आखिर क्यों पराली को जलाएंगे। उन्होंने बताया कि एक दो ऐसा सामाजिक तत्वों को छोड़ दें तो कोई किसान अपनी परली नहीं जला रहा है किसानों को बेवजह बदनाम करने का काम किया जा रहा है उन्होंने कहा कि प्रदूषण में कारखाने का योगदान है।

कैसे मापी जाती है हवा की गुणवत्ता

अगर किसी इलाके का एयर क्वालिटी इंडेक्स 50 से नीचे होता है तो माना जाता है कि इलाके की हवा सांस लेने के लिए बिल्कुल सुरक्षित और स्वच्छ है 50 से 100 तक के बीच का एयर क्वालिटी इंडेक्स संतोषजनक माना जाता है। 100 से 200 तक भी एयर क्वालिटी इंडेक्स को वैज्ञानिक मॉडरेट स्थिति में मानते हैं। परंतु 200 से ऊपर जाने पर यह चिंताजनक स्थिति में चला जाता है जब वर्तमान समय के दिनों में राजधानी दिल्ली का एयर क्वालिटी इंडेक्स 400 पर पहुंच चुका है और आने वाले दिनों में यह और भी बढ़ सकता है। तो ऐसे में आप खुद सोच सकते हैं की राजधानी की स्थिति कितनी खराब है।

बढ़ते पॉल्यूशन का बच्चो बुजुर्गों और मरीजों पर बेहद बुरा असर

राजधानी दिल्ली और आसपास के इलाकों में बढ़ते प्रदूषण से बच्चों बुजुर्गों और विभिन्न प्रकार की बीमारियों से जूझ रहे मरीजों पर बेहद बुरा असर पड़ रहा है प्रदूषण के दौरान जब बच्चे खेलने के लिए या टहलने के लिए खुली हवा में जाते हैं तो सांस लेने के दौरान पोल्यूटेड हवा सांस के द्वारा उनके अंदर चली जाती है इस हवा में अनेक विषैला पार्टिकल्स मौजूद है जो हमारे स्वास्थ्य पर बेहद गंभीर प्रभाव डालते हैं इसलिए प्रदूषण के दौरान कोशिश करें बच्चों को घर पर ही रखें अनावश्यक रूप से अपने खिड़की दरवाजे बंद रखें बुजुर्ग व्यक्ति इस अवधि के दौरान खुले में टहलने से बचे। मरीजों का भी इस दौरान विशेष ख्याल रखें। उन्हें कमरों के अंदर ही रखें और समय पर उनके दवाई देते रहें सांस के रोगी इस दौरान विशेष ध्यान रखें वह अनावश्यक रूप से घरों से बाहर नहीं निकले और समय पर अपनी दवाई और पौष्टिक भोजन का सेवन करते रहें।

पॉल्यूशन से बचने के लिए सरकार क्या कदम उठा रही है

प्रदूषण की इस खतरनाक स्थिति से बचने के लिए दिल्ली सरकार grap पॉलिसी लागू करने जा रही है GRAP का फुल फॉर्म ग्रेडेड रिस्पॉन्स एक्शन प्लान है यह दिल्ली सरकार की प्रदूषण से निपटने के लिए एक योजना है इसके दौरान दिल्ली सरकार कुछ पाबंदियां लगती है जैसे कुछ समय के लिए दिल्ली और आसपास के इलाकों के कारखाने पर पाबंदियां लगाई जाती है राजधानी दिल्ली के अंडर कंस्ट्रक्शन के कामों को रोक दिया जाता है डीजल के वाहनों का प्रयोग सीमित किया जाता है। जरूरत पड़ने पर वाहनों के लिए ओड इवन रूल लागू किया जाता है जिसमें एक दिन और नंबर और एक दिन एवं नंबर के वहांन हीं दौड़ सकते हैं। इस दौरान पब्लिक ट्रांसपोर्ट को बढ़ाया जाता है दिल्ली मेट्रो के फेर बढ़ा दिए जाते हैं। और इलेक्ट्रॉनिक बसो की संख्या भी बढ़ा दी जाती है। जो जो प्रदूषण का स्तर बढ़ता है तो सरकार भी उसी हिसाब से कदम उठाकर प्रदूषण को नियंत्रित करने का प्रयास करती है।

प्रदूषण से बचने के कुछ उपाय

आम जनता प्रदूषण से बचने के लिए कुछ कदम उठा सकती है जैसे अनावश्यक रूप से बाहर निकलने से बचे। प्राइवेट वाहनों का काम से कम प्रयोग करें। खुले में कोई भी कूड़ा कचरा इत्यादि ने जलाएं। घर से बाहर जाना पड़े तो मुंह पर मास्क लगाकर ही निकले पर्याप्त मात्रा में साफ पानी पिए। इस दौरान बच्चों को बाहर खेलने जाने का समय भी सीमित करें खासकर सुबह और देर शाम को मॉर्निंग वॉक करने से बचे। ऐसे में कुछ सावधानियां बरत कर आप प्रदूषण से काफी हद तक अपना बचाव कर सकते हैं।

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