Deepseek: चीन द्वारा बनाये गए नए AI मॉडल DeepSeek की लोकप्रियता ने दुनिया भर के टेक दिग्गजों का ध्यान अपनी ओर खींचा है। ये ऐप OpenAI के ChatGPT को पीछे छोड़ते हुए एपल के ऐप स्टोर पर टॉप-रेटेड फ्री ऐप भी बन चुका है। ये ऐप यूएस यूके और चीन जैसे देशों मे बहुत ही ज्यादा पॉपुलर हो गया है। अमेरिका के राष्ट्रपति ट्रंप ने इसको लेकर एक चेतावनी भी जारी की है.ऐसे में हम यहां आपको DeepSeek के बारे में विस्तार से बताने जा रहे हैं।
दुनिया भर में चैट जीपीटी और AI की लोकप्रियता तेजी से बढ़ रही है. AI के क्षेत्र में रोज नए-नए आविष्कार और खोज हो रही हैं धीरे-धीरे AI हमारे जीवन का एक अभिन्न अंग बनती जा रही है. AI के द्वारा हम कोई भी जानकारी आसानी से महज कुछ सेकंड में हासिल कर सकते हैं. इसी बीच चीन ने भी AI के क्षेत्र में तहलका मचा दिया है.AI के लगातार विकास हो रहे विकास के बीच मार्केट में चीन के एक नए प्लेयर ने दस्तर दे दी है। DeepSeek चीन का बनाया हुआ एक नया AI मॉडल है। इसने पुरे टेक वर्ल्ड का ध्यान अपनी ओर खींचा है। परफॉर्मेंस में इसने ChatGPT, Gemini और Claude AI को भी पाछड़ दिया है। ऐसे में आइए जानते हैं DeepSeek के बारे में विस्तार से आख़िर यह तकनीक क्या है और यह कैसे कम कर रही है
क्या है DeepSeek आइये जानते है
DeepSeek एक चीन का बनाया हुआ एडवांस्ड AI मॉडल है जिसे हांग्जो स्थित इसी नाम की एक रिसर्च लैब ने तैयार किया है। इसकी स्थापना 2023 में लियांग वेनफेंग ने की थी, जो AI और क्वांटिटेटिव फाइनेंस में बैकग्राउंड वाले एक इंजीनियर हैं।DeepSeek-V3 मॉडल एक एडवांस्ड ओपन-सोर्स AI सिस्टम है जो यूबी बेहद आधुनिक तकनीक पर काम करता है ये OpenAI के ChatGPT को पीछे छोड़ते हुए एपल के ऐप स्टोर पर टॉप-रेटेड फ्री ऐप बन गया है। इस ऐप की सफलता कई देशों में देखी गई है जिसमें यूएस, यूके और चीन शामिल हैं। DeepSeek की अचानक हुई इस ग्रोथ ने सिलिकॉन वैली का ध्यान अपनी ओर खींचा है और इसने इस धारणा को चुनौती दी कि AI स्पेस में यूएस का दबदबा है। अमेरिकी टेक एक्सपर्ट इसको एक चुनौती की तरह मान रहे हैं बात यह भी हो रही है कि क्या चीन टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में अमेरिका और यूरोप से आगे निकल चुका है.DeepSeek का लेटेस्ट रिलीज R1 है। ये इंडस्ट्री लीडर्स जैसे OpenAI और Anthropic को टक्कर दे रहा है। R1 इसलिए अलग दिखता है क्योंकि ये कॉस्ट-एफिशिएंट और ओपन-सोर्स है। ये अनलिमिटेड फ्री यूसेज भी ऑफर करता है। साथ ही ये हाई-परफॉर्मेंस AI को हाई कॉस्ट के बिना एक्सेसिबल भी बनाता है।
DeepSeek OpenAI और मेटा से बिल्कुल अलग है?
डीपसीक अफोर्डेबिलिटी और एफिशिएंसी पर ध्यान केंद्रित करता है और खुद को OpenAI और मेटा जैसे कंपीटीटर्स से बिल्कुल अलग बनाता है। जहां OpenAI और मेटा जैसी कंपनियां ज्यादा एडवांस्ड मॉडल डेवलप करने मे लगी हैं, जिनके लिए महत्वपूर्ण संसाधनों और महंगे AI चिप्स (जैसे Nvidia के H100 GPU) की जरूरत है। वहीं, डीपसीक ने ऐसे मॉडल बनाए हैं जो समान रूप से परफॉर्म करते हैं लेकिन इनकी कॉस्ट बेहद ही कम है। डीपसीक का ज्यादा किफायती AI हार्डवेयर का यूज और मॉडल ट्रेनिंग के लिए इनोवेटिव अप्रोच, इसे बड़े प्लेयर्स के साथ कंपीट करने के लिए सुगम बनाता है और इसकी लागत भी बेहद कम बनी रहती है।
ये चैटबॉट ऐप रिस्पॉन्स देने से पहले अपने तर्क को स्पष्ट करने जैसे यूनिक फीचर्स भी ऑफर करता है। ये यूनिक फीचर इसे ChatGPT जैसे OpenAI के मॉडल से अलग करता है। इसका ओपन-सोर्स अप्रोच डेवलपर्स को डीपसीक की टेक्नोलॉजी पर नए बिल्ड की भी इजाजत देता है।
आखिर DeepSeek को कैसे दुनिया भर में इतनी तवज्जो मिल रही है
DeepSeek को लेकर इनती चर्चा इसलिए है क्योंकि ये चीन का बनाया हुआ AI असिस्टेंट फ्री, अनलिमिटेड और ओपन सोर्स है। इसे लोग इसकी ट्रांसपेरेंसी, एफिशिएंसी और AI को सभी के लिए एक्सेसिबल बनाने के लिए पसंद कर रहे हैं।
DeepSeek की सफलता ऐसे समय में आई है जब US ने चीन मे बनी एडवांस्ड सेमीकंडक्टर एक्सपोर्ट पर बैन लगाया है। जिसका उद्देश्य AI में चीन की आगे बढ़ने की क्षमता को सीमित करना था। लेकिन, डीपसीक ने ऐसे मॉडल डेवलप किए हैं, जिन्हें कम रिसोर्सेज की जरूरत होती है। ऐसे में कंपनी इन रेसट्रिक्शन के साथ काम करने में भी कामयाब रही है। लेकिन, इसने US में चिंता पैदा कर दी है, जहां टेक दिग्गज Nvidia, Metaऔर Microsoft ने AI इन्फ्रास्ट्रक्चर में भारी निवेश किया है। इन्हें जल्द ही DeepSeek जैसे कम लागत वाले ऑप्शन्स से बढ़ती प्रतिस्पर्धा का सामना करना पड़ रहा है।
अमेरिका की स्टॉक मार्केट में हलचल
चीन ने हाल में अपने DeepSeek AI मॉड्यूल को दुनिया के सामने पेश किया है. सोमवार को जब अमेरिका और दुनिया के शेयर मार्केट्स को ये पता चला कि चीन ने इस एआई मॉड्यूल को बेहद कम कीमत पर तैयार किया है, तो अमेरिकी टेक कंपनियों के शेयर ताश के पत्ते की तरह ढह गए और इसी के साथ दुनिया के कई अरबपतियों की नेटवर्थ भी काफी कम हो गई है.चीन के इस झटके का असर काफी गहरा हुआ है.दुनिया के 500 अरबपतियों की संपत्ति में कुल 108 बिलियन डॉलर (करीब 9.34 लाख करोड़ रुपए) की गिरावट आई है. सबसे ज्यादा नुकसान में ओरेकल कार्प के को-फाउंडर लैरी एलिसन और एनवीडिया के को-फाउंडर जेनसेन हुआंग रहे है.
एलॉन मस्क को भी पहुंचा भारी नुकसान
ब्लूमबर्ग बिलेनियर इंडेक्स के मुताबिक चीन के इस कदम का नुकसान डेल इंक के माइकल डेल पर भी दिखा है, जिनकी नेटवर्थ 13 अरब डॉलर घट गई है वहीं बाईनांस होल्डिंग्स के को-फाउंडर चानपेंग झाओ के 12.1 अरब डॉलर और एलन मस्क के 6.7 अरब डॉनर साफ हो गए है गूगल के लैरी पेज और सरगेई ब्रिन की संपत्ति में क्रमश: 6.3 अरब डॉलर और 5.9 अरब डॉलर की गिरावट दर्ज की गई है.
इस तरह चीन के डीपसीक एआई ने दुनिया के 500 अरबपतियों की दौलत में 108 अरब डॉलर का टोटल नुकसान कराया. इसमें सिर्फ टेक सेक्टर के अरबपतियों की करीब 94 अरब डॉलर की संपत्ति साफ हो गई. ये ब्लूमबर्ग बिलेनियर इंडेक्स में आई कुल गिरावट का करीब 85 प्रतिशत है. अमेरिका का नैस्डैक कंपोजिट इंडेक्स सोमवार को 3.1 प्रतिशत और एसएंडपी 500 इंडेक्स 1.5 प्रतिशत गिर गया है.कुछ ऐसा ही हाल ओरकल कॉर्प के को-फाउंडर लैरी एलिसन का रहा. उन्हें इस मामले में सबसे ज्यादा नुकसान उठाना पड़ा और उनकी संपत्ति एक दिन में 22.6 अरब डॉलर तक घट गई. इस तरह उनकी संपत्ति सिर्फ 186 बिलियन डॉलर रह गई है. AI के लिए जरूरी चिप बनाने वाली कंपनी एनवीडिया के को-फाउंडर जेनसेन हुआंग के लिए तो सोमवार का दिन भूकंप के झटके की तरह रहा है इसकी वजह चीन के एआई मॉड्यूल का बेहद सस्ता होना है, जिससे उनकी संपत्ति एक झटके में 20.1 बिलियन डॉलर कम हो गई. उनकी संपत्ति 101 बिलियन डॉलर ही रह गई है.
जिस तकनीक पर अमेरिका घमंड करता था उसको अब चीन मुफ्त में बांटने जा रहा है
फोर्ब्स की एक रिपोर्ट में बताया गया है कि चीन ने अपने AI मॉडल DeepSeek को केवल 5.6 मिलियन डॉलर की लागत से विकसित कर पूरे अमेरिका में सबको चौंका दिया है. अमेरिकन एआई मॉडल के विपरीत, डीपसीक, हाई-लेवल हार्डवेयर के बिना, ओपन-सोर्स टेक्नोलॉजी पर निर्भर करता है.डीपसीक की सक्सेस से चाइनीज एआई-लिंक्ड शेयरों में तेजी आई. शंघाई कंपोजिट 0.2 प्रतिशत और हांगकांग का हैंग सेंग 0.7 प्रतिशत चढ़ गया. उधर, जापान में एडवांटेस्ट और डिस्को कॉर्प जैसे चिप निर्माताओं को हाई-एंड एआई चिप्स की मांग कम होने की आशंका के बीच नुकसान का सामना करना पड़ापड़ा है.दूसरी ओर, डीपसीक के तेजी से बढ़ने की वजह से चीनी और हांगकांग के टेक्नोलॉजी शेयरों में बढ़त देखने को मिल रही है, जिससे एनवीडिया और गूगल जैसे अमेरिकी तकनीकी दिग्गजों की टेक्नोलॉजी और भविष्य सवाल उठ रहे हैं.
DeepSeek R1 की खास बात जो आपको जाननी चाहिए
DeepSeek R1 रिजनिंग मॉडल को चीनी स्टार्टअप DeepSeek ने बनाया है. एक महीने पहले ही डीपसीक R1 को लॉन्च किया गया है. ये रिजनिंग मॉडल मार्केट में काफी वायरल हो रहा है.
- ये कम कीमत पर बेहतरीन परफॉर्मेंस ऑफर कर रहा है. DeepSeek R1 को ऑगमेंटेड रिजनिंग और एनालिटिक्ल कैपेबिलिटी के लिए बनाया गया है.
- DeepSeek R1 एक एडवांस लैंग्वेज मॉडल है. इसे V3 की तरह एक हाईब्रिड आर्किटेक्चर पर रेडी किया गया है. इस हिसाब से ये साफ हो जाता है कि ये कंपनी का पहला मॉडल नहीं है.
- DeepSeek कंपनी का हेड क्वार्टर चीन के हांग्जो शहर में है. अब सवाल आता है कि इस कंपनी की शुरुआत कब और किसने की थी? इस कंपनी की शुरुआत 2023 में Liang Wenfeng ने की थी. इस कंपनी का मकसद AGI (आर्टिफिशियल जनरल इंटेलिजेंस) डेवलप करना है.
- डीपसीक के तेजी से वायरल होने के पीछे कोई और वजह नहीं बल्कि इसकी कम कीमत है. DeepSeek R1 की कीमत 0.55 डॉलर (करीब 47 रुपये) प्रति मिलियन इनपुट टोकन और 2.19 डॉलर (करीब 189 रुपये) प्रति मिलियन आउटपुट टोकन है.
- डीपसीक कंपनी के मुताबिक इस AI मॉडल को केवल दो महीने में तैयार किया गया है. जबकि OpenAI, Microsoft और Google को अपने AI मॉडल को बनाने में सालों लग गए और इन्होंने अरबों डॉलर खर्च किए हैं.
लेकिन DeepSeek ने इस AI मॉडल को तैयार करने में केवल 60 लाख डॉलर (6 मिलियन) ही खर्च किए हैं
AI के फाउंडर सैम ऑल्टमैन ने की डीपसीक की तारीफ़
सैम ऑल्टमैन जो Open AI के फाउंडर है. उन्होंने अपने एक्स हैंडल पर डीपसीक की तारीफ की है. सैम ने कहा कि डीपसीक का आर1 मॉडल काफी इंप्रेसिव है. कम कीमत में ये काफी कुछ डिलीवर कर रहा है. हम भी आने वाले समय में इसकी कंपटीटर तैयार करेंगे जो इससे बेहतर परफॉर्म करेगा.DeepSeek R1 की पॉपुलैरिटी की वजह कम कीमत होना भी है. जहां Open AI o1 की कीमत 15 डॉलर प्रति मिलियन इनपुट टोकन और 60 डॉलर प्रति मिलियन आउटपुट टोकन की है. वहीं DeepSeek R1 की कीमत महज 0.55 डॉलर प्रति मिलियन इनपुट टोकन और 2.19 डॉलर प्रति मिलियन आउटपुट टोकन है.
कंपनी का कहना है कि उन्हें इस AI मॉडल को बनाने में सिर्फ दो महीने का वक्त लगा. OpenAI, Google, Microsoft ने अपने AI मॉडल को बनाने में अरबों डॉलर और सालों का वक्त खर्च किया है. वहीं DeepSeek ने सिर्फ 60 लाख डॉलर खर्च करके इस AI मॉडल को तैयार कर दिया.
अमेरिका ने लगाए हैं कई प्रतिबंध
रिपोर्ट के अनुसार, डीपसीक ने सीमित संसाधनों के साथ अधिक दक्षता पर फोकस करके इस प्रतिबंध के आसपास काम किया। यह सब उस समय हो रहा है जब OpenAI, सॉफ्टबैंक ग्रुप कॉर्प और ओरेकल कॉर्प ने अमेरिका में डेटा सेंटर और AI इन्फ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट बनाने के लिए स्टारगेट नाम के एक $100 अरब के संयुक्त उद्यम की घोषणा की है। इस संयुक्त उद्यम को स्टारगेट कहा जाता है। इसका उद्देश्य अमेरिका में डेटा सेंटर और AI इन्फ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट बनाना है। रिलायंस इंडस्ट्रीज के चेयरमैन मुकेश अंबानी भी दुनिया का सबसे बड़ा AI संचालित डेटा सेंटर जामनगर में बनाने की योजना बना रहे हैं। DeepSeek के उदय ने AI क्षेत्र में प्रतिस्पर्धा को और बढ़ा दिया है। यह देखना दिलचस्प होगा कि भविष्य में AI तकनीक का विकास कैसे होता है। साथ ही यह विभिन्न कंपनियों के व्यवसाय को कैसे प्रभावित करता है। Nvidia जैसे बड़ी कंपनियों के लिए यह एक चुनौती है कि वह कैसे नए और सस्ते AI मॉडल्स से प्रतिस्पर्धा करेंगी।
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