Pahalgam Terrorist Attack: पहलगाम आतंकी हमले (Pahalgam Terrorist Attack) से पूरे भारत (India) में आक्रोश है। 22 अप्रैल को जम्मू और कश्मीर के अनंतनाग जिले के पहलगाम में इस्लामिक आतंकियों ने पहले हिंदू पर्यटकों से उनका धर्म पूछा और उसके बाद अंधाधुंध गोलीबारी कर दी। इस आतंकी हमले में 26 लोगों की मौत हो गई और 20 लोग घायल हो गए। हमले के बाद पाकिस्तान (Pakistan) ने इससे पल्ला झाड़ लिया। पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ (Khawaja Asif) ने बयान दिया कि पाकिस्तान का इस आतंकी हमले से कोई लेना-देना नहीं है और उन्होंने कुछ नहीं किया है।
पाकिस्तानी रेंजर्स ने पंजाब बॉर्डर पर BSF जवान पकड़ा:AK-47 भी छीनी, आंखों में पट्टी बांध फोटो जारी की; फ्लैग मीटिंग बेनतीजा
पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव बढ़ गया है। इसी बीच पाकिस्तानी रेंजर्स ने पंजाब के इंडो-पाक बॉर्डर पर BSF के जवान को हिरासत में लिया है। जिस दौरान उसके हाथ से AK-47 भी छीन ली गई।
हिरासत में लेने के बाद वे जवान को अपने साथ ले गए। इसके बाद पाकिस्तानी मीडिया में जवान की 2 फोटो जारी की गईं। एक फोटो में आंख पर पट्टी बांधी गई है तो दूसरी में बीएसएफ जवान AK-47 और पानी की बोतल के साथ खड़ा है।
पकड़ा गया BSF जवान पीके सिंह मूल रूप से कोलकाता के जिला हुगली का रहने वाला है। अभी तक उसे छोड़ा नहीं गया है। BSF के अधिकारी लगातार पाक रेंजर्स के संपर्क में हैं।
BSF के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि जवान की सुरक्षित वापसी सुनिश्चित करने के लिए फ्लैग मीटिंग बुलाई गई, लेकिन मीटिंग बेनतीजा रही।
श्रीनगर से आई बटालियन, किसानों के साथ ड्यूटी पर था जवान दरअसल श्रीनगर से BSF की बटालियन-24 ममदोट में आई है। बुधवार की सुबह किसान अपनी कंबाइन मशीन लेकर खेत में गेहूं काटने गए थे। यह खेत फेंसिंग पर लगे गेट नंबर-208/1 के पास था। किसानों की निगरानी के लिए दो बीएसएफ जवान भी उनके साथ थे। उसी समय एक जवान गलती से बॉर्डर पार कर गया। तभी पाकिस्तानी रेंजर्स बीएसएफ की चेक पोस्ट जल्लोके पर आ गए। उन्होंने बीएसएफ जवान को पकड़ लिया और उसका हथियार भी ले लिया।
कुछ दिन पहले ही ट्रांसफर होकर आया, जीरो लाइन का पता नहीं था जानकारी के मुताबिक जो जवान पकड़ा गया है, वह कुछ दिन पहले ट्रांसफर होकर आया था। उसे जीरो लाइन का पता नहीं था। किसान अपनी फसल की कटाई के लिए मशीन लेकर गए थे। इस दौरान 2 जवान भी उसके साथ थे। गर्मी ज्यादा होने के चलते वह एक पेड़ के नीचे बैठ गया। इस दौरान पाक रेंजर्स ने उसे घेर लिया। साथ ही उसकी राइफल छीन ली। इसके बाद उसे बंदी बना लिया।BSF ने पाक रेंजर्स से बात की, जवान को नहीं छोड़ा जैसे ही यह खबर मिली, बीएसएफ के बड़े अफसर बॉर्डर पर पहुंचे। जवान को छुड़ाने के लिए पाकिस्तानी रेंजर्स और बीएसएफ अफसरों के बीच रात तक मीटिंग चलती रही। अभी तक वह छोड़ा नहीं गया है। बीएसएफ के अधिकारी लगातार पाक रेंजर्स के संपर्क में हैं।
क्या है जीरो लाइन जीरो लाइन बॉर्डर का वह हिस्सा होता है, जहां दोनों देशों की सीमाएं मिलती हैं। इस जगह पर किसानों को खेती करने के लिए स्पेशल परमिशन मिलती है। जब किसान फसल बोते या काटते हैं, तो BSF के जवान उनकी सुरक्षा के लिए साथ रहते हैं। इन्हें किसान गार्ड भी कहते हैं। अधिकारियों ने बताया कि बीएसएफ जवान की रिहाई के लिए दोनों देशों के बलों के बीच ‘फ्लैग मीटिंग’ जारी है. उन्होंने बताया कि ऐसी घटनाएं असामान्य नहीं हैं और दोनों पक्षों के बीच पहले भी ऐसी घटनाएं हो चुकी हैं.
पहलगाम आतंकी हमले (Pahalgam Terrorist Attack) से पूरे भारत (India) में आक्रोश है। 22 अप्रैल को जम्मू और कश्मीर के अनंतनाग जिले के पहलगाम में इस्लामिक आतंकियों ने पहले हिंदू पर्यटकों से उनका धर्म पूछा और उसके बाद अंधाधुंध गोलीबारी कर दी। इस आतंकी हमले में 26 लोगों की मौत हो गई और 20 लोग घायल हो गए। हमले के बाद पाकिस्तान (Pakistan) ने इससे पल्ला झाड़ लिया। पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ (Khawaja Asif) ने बयान दिया कि पाकिस्तान का इस आतंकी हमले से कोई लेना-देना नहीं है और उन्होंने कुछ नहीं किया। आसिफ ने तो इसके लिए भारत को ही ज़िम्मेदार ठहरा दिया और कहा कि भारत में अल्पसंख्यकों के हो रहे शोषण और कश्मीर सहित अन्य राज्यों में हो रही बगावत की वजह से यह आतंकी हमला हुआ। पाकिस्तान ने इस मामले से दूरी तो बना ली है, लेकिन इस समय पाकिस्तान में खौफ का माहौल है।
कल यानी 23 अप्रैल 2025 को भारत सरकार ने पाकिस्तानियों को भारत छोड़ने के लिए 48 घंटे का अल्टीमेटम दिया। इसके अलावा सिंधु समझौता फिलहाल रद्द कर दिया गया है। दोनों देशों के बीच बिगड़े हालातों का असर दिखने लगा है और पाकिस्तान स्टॉक एक्सचेंज (PSX) में इसका साफ असर देखने को मिला है। आज पाकिस्तान स्टॉक एक्सचेंज में जोरदार गिरावट हुई है और यह रिकॉर्ड 2500 अंक गिर गया।पाकिस्तान के Aaj News के मुताबिक, PSX में सुबह 12 बजे तक 2500 अंकों की गिरावट हो चुकी है। KSE-100 इंडेक्स 2500 अंक गिरकर 1,14,600 पर आ गया है। हालांकि, बाद में इसमें थोड़ा सुधार हुआ और यह 1200 अंक लुढ़ककर कारोबार कर रहा था।
क्यों आई पाकिस्तानी स्टॉक एक्सचेंज में गिरावट
आपको बता दें कि भारत की तरफ से पहलगाम अटैक (Pahalgam Attack) के बाद लगातार लिए जा रहे एक्शन और IMF द्वारा वित्तीय वर्ष 2025 के लिए GDP ग्रोथ अनुमान को 3 प्रतिशत से कम करके 2.6 प्रतिशत करने के बाद पाकिस्तान स्टॉक एक्सचेंज में बड़ी गिरावट दर्ज की गई है।IMF द्वारा FY25 के लिए पाकिस्तान की GDP ग्रोथ को 3 प्रतिशत से कम करके 2.6 प्रतिशत कर दिया और इससे निवेशकों का भरोसा कमजोर हुआ है। इसके अलावा Fitch का वार्निंग भी जारी हुई है। Fitch Ratings ने आगाह किया है कि पाकिस्तानी रुपया जूनत क 285 रुपये प्रति डॉलर तक गिर सकता है और FY26 के आखिर तक 295 रुपये प्रति डॉलर तक पहुंच सकता है।
पहलगाम हमले के बाद बढ़ते तनाव, भारत द्वारा लिए गए सख्त एक्शन और कश्मीर में बढ़ती अस्थिरता व आतंकवादी घटनाओं से जुड़ी चिंताओं ने निवेशकों की भावनाओं को आहत किया और उन्होंने जमकर बिकवाली की है।
किन स्टॉक्स में रही सबसे ज्यादा गिरावट
-United Bank Ltd
-Hub Power
-Habib Metropolitan Bank
-Mari Energies
-Engro Holdings
पाकिस्तान को वर्ल्ड बैंक ने चेतावनी दी है कि अब पाक को मजबूत और टिकाऊ ग्रोथ की तरफ बढ़ना होगा। पाकिस्तान के शेयर बाजार में आने वाले दिनों में और गिरावट देखी जा सकता है। भारत-पाकिस्तान के बीच राजनीतिक तनाव और आर्थिक आंकड़ों में अगर सुधार नहीं होता है तो पाकिस्तान में आर्थिक स्थिति और खराब हो सकती है।
पाकिस्तान को भारत के जवाबी हमले का सता रहा डर
पहलगाम आतंकी हमले के पीछे पाकिस्तान को ज़िम्मेदार ठहराया जा रहा है। ऐसे में अब पाकिस्तान को इस बात का डर सता रहा है कि भारत इस हमले का बदला लेने के लिए पाकिस्तान पर जवाबी हमला करेगा। इसी वजह से पाकिस्तान में सेना अलर्ट मोड पर है। सूत्रों के अनुसार पाकिस्तानी आर्मी चीफ असीम मुनीर ने मंगलवार की शाम को आर्मी, एयरफोर्स और नेवी के कमांडरों के साथ मीटिंग की। इसके बाद 18 फाइटर जेट्स कराची एयरबेस से भारत से लगी बॉर्डर के पास लाहौर और रावलपिंडी में एयरफोर्स स्टेशन्स पर भेजे गए हैं। मुनीर के साथ ही पाकिस्तानी पीएम शहबाज़ शरीफ को भी इस बात का डर सता रहा है कि भारत पीओके पर जवाबी हमला कर सकता है। इसकी वजह है पीओके में लश्कर-ए-तैयबा (Lashkar-e-Taiba) का लॉन्च पैड, जहाँ से कई आतंकी गतिविधियों को अंजाम दिया जाता है। ऐसे में LOC पर भी पाकिस्तानी सेना बढ़ा दी गई है।
बुधवार की रात पाकिस्तान की एयरफोर्स इसी डर में रही कि कहीं भारत पीओके पर एयरस्ट्राइक न कर दे।
पहलगाम आतंकी हमले से पाकिस्तान ने झाड़ा पल्ला, कहा – “हमने कुछ नहीं किया
पहलगाम आतंकी हमले (Pahalgam Terrorist Attack) ने पूरे देश को झकझोर दिया है। 22 अप्रैल को जम्मू और कश्मीर के अनंतनाग जिले के पहलगाम में इस्लामिक आतंकियों ने धर्म पूछकर हिंदू पर्यटकों पर अंधाधुंध गोलीबारी कर दी। 26 लोग इस आतंकी हमले में अपनी जान गंवा चुके हैं और 20 लोग घायल हो चुके हैं। इस हमले की ज़िम्मेदारी पाकिस्तानी आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा (Lashkar-e-Taiba) से जुड़े आतंकी संगठन द रेसिस्टेन्स फ्रंट (The Resistance Front – TRF) ने ली है। हालांकि अब इस हमले पर पाकिस्तान (Pakistan) की प्रतिक्रिया भी सामने आ गई है। वंही पाकिस्तान ने पहलगाम आतंकी हमले से पल्ला झाड़ लिया है। पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ (Khawaja Asif) ने इस आतंकी हमले पर बयान देते हुए कहा है, “हमारा इससे कुछ लेना-देना नहीं है। हमने कुछ नहीं किया है। पाकिस्तान हर प्रकार के आतंकवाद की आलोचना करता है। हमारा मानना है कि बेगुनाहों की हत्या करना पूरी तरह से गलत है। हालांकि यह भारत की आंतरिक समस्या है और कश्मीर सहित अन्य राज्यों में हो रही बगावत का नतीजा है।पाकिस्तानी रक्षा मंत्री आसिफ यहीं नहीं रुके। उन्होंने भारत को ही इस आतंकी हमले के लिए ज़िम्मेदार ठहरा दिया। आसिफ ने कहा, “पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों का शोषण हो रहा है और इसी वजह से इस तरह की घटनाएं हो रही हैं।
पाकिस्तान को क्यों सता रहा है डर?
पहलगाम आतंकी हमले के पीछे पाकिस्तानी आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा से जुड़े आतंकी संगठन द रेसिस्टेन्स फ्रंट (The Resistance Front – TRF) की भूमिका है, जिसने इस हमले की ज़िम्मेदारी भी ली है। भारत में टीआरएफ को 2023 में आतंकी संगठन घोषित किया गया था और बैन लगा दिया गया था। टीआरएफ, पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई (ISI) के साथ मिलकर भी काम करता है। पहलगाम आतंकी हमले के बाद जिस तरह पाकिस्तान की चिंता बढ़ी है और सेना को अलर्ट मोड पर है, उससे साफ है कि पाकिस्तानी सरकार को भी इस हमले के बारे में पहले से ही जानकारी थी। ऐसे में अब भारत के जवाबी हमले की संभावना से पाकिस्तान की सरकार के साथ ही सेना और आतंकी संगठनों को भी डर सता रहा है। पाकिस्तान में आज सुरक्षा समिति की मीटिंग भी होगी।
क्या है TRF, आतंकी संगठन जिसने पहलगाम में हिंदू पर्यटकों पर मचाया कत्लेआम
पहलगाम आतंकी हमले (Pahalgam Terrorist Attack) में 26 लोगों की मौत हो गई है और 20 लोग इस हमले में घायल हुए हैं। 22 अप्रैल को इस्लामिक आतंकियों ने पर्यटकों से उनका धर्म पूछा और जैसे ही इस बात की पुष्टि हो गई कि वो हिंदू हैं, तो ताबड़तोड़ गोलीबारी कर दी। इस आतंकी हमले ने पूरे देश को झकझोर दिया है। इस हमले को टीआरएफ (TRF) नाम के आतंकी संगठन ने अंजाम दिया है, जो पाकिस्तानी आतंकी संगठन ने लश्कर-ए-तैयबा (Lashkar-e-Taiba) से जुड़ा हुआ है।
क्या है TRF?
द रेसिस्टेन्स फ्रंट – टीआरएफ (The Resistance Front – TRF) पाकिस्तानी आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा से जुड़ा एक आतंकी संगठन है, जिसके आतंकियों ने पहलगाम आतंकी हमले को अंजाम दिया। भारत के गृह मंत्रालय के अनुसार टीआरएफ, 2019 में अस्तित्व में आया था।
भारत ने कब किया आतंकी संगठन घोषित?
टीआरएफ, पाकिस्तान से जम्मू और कश्मीर में आतंकी गतिविधियों, आतंकियों की भर्ती, आतंकियों की घुसपैठ और पाकिस्तान से जम्मू और कश्मीर में हथियारों और नशीले पदार्थों की तस्करी जैसे काम करता है। इसी वजह से भारत के गृह मंत्रालय ने टीआरएफ को 2023 में आतंकी संगठन घोषित किया था।। टीआरएफ द्वारा कश्मीर में पत्रकारों को धमकियाँ देने के कुछ महीनों बाद यह कदम उठाया गया था।
कश्मीरियों को भारत के खिलाफ भड़काता है टीआरएफ
टीआरएफ अपने मंसूबों के लिए लोकल कश्मीरियों को भारत के खिलाफ भड़काने का काम भी करता है। इसके लिए टीआरएफ के आतंकी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स और ऑनलाइन मैसेंजर्स का इस्तेमाल करते हैं और उनका ब्रेनवॉश करते हैं जिससे वो यह सोचने लगे कि भारत उनका दुश्मन है और उन्हें भारत के खिलाफ आतंकवाद की जंग लड़नी है। इस भड़कावे में आकर कई कश्मीरी बंदूक उठा लेते हैं और आतंकवाद की राह पर चल पड़ते हैं।
पहलगाम आतंकी हमले के बाद दुनिया के सामने गिड़गिड़ाया मास्टरमाइंड सैफुल्लाह, कहा – “मैंने कुछ नहीं किया”
पहलगाम आतंकी हमले (Pahalgam Terrorist Attack) में 26 निर्दोष लोगों ने अपनी जान गंवा दी और 20 लोग घायल हो गए। 22 अप्रैल को जम्मू और कश्मीर के अनंतनाग जिले के पहलगाम में इस्लामिक आतंकियों ने कत्लेआम मचाते हुए पर्यटकों को मौत के घाट उतार दिया। आतंकियों ने पहले पर्यटकों से उनका धर्म पूछा और कलमा पढ़ने के लिए कहा और जब इस बात की पुष्टि हो गई कि वो हिंदू हैं, तो ताबड़तोड़ गोलीबारी करते हुए उनकी जान ले ली। इस हमले की ज़िम्मेदारी पाकिस्तान (Pakistan) के आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा (Lashkar-e-Taiba) से जुड़े द रेसिस्टेन्स फ्रंट (The Resistance Front – TRF) ने ली है। भारत की तरफ से यह साफ कर दिया है कि इस हमले का करारा जवाब दिया जाएगा और इसकी शुरुआत भी हो गई है। भारत इस मामले में एक्शन मोड में है और इस वजह से पाकिस्तान में अब डर का माहौल है। इसी बीच लश्कर का एक खूंखार आतंकी,जिसे पहलगाम आतंकी हमले का मास्टरमाइंड बताया जा रहा है, अब दुनिया के सामने गिड़गिड़ा रहा है।
डरते हुए बोला सैफुल्लाह – “मैंने कुछ नहीं किया”
पहलगाम आतंकी हमले का मास्टरमाइंड सैफुल्लाह कसूरी (Saifullah Kasuri) को बताया जा रहा है, जो लश्कर का खूंखार आतंकी है और साथ ही इस पाकिस्तानी आतंकी संगठन का डिप्टी चीफ भी। सैफुल्लाह को खालिद और अबू मूसा के नाम से भी जाना जाता है और वह हाफिज़ सईद (Hafiz Saeed) का खास है। पहलगाम आतंकी हमले के बाद अब पूरे भारत में आक्रोश है और सरकार ने साफ कर दिया है कि इस हमले में मारे गए निर्दोषों के हत्यारों को माफ नहीं किया जाएगा और उनसे बदला लिया जाएगा। ऐसे में सैफुल्लाह अब दुनिया के सामने गिड़गिड़ा रहा है। लश्कर कमांडर का एक वीडियो सामने आया है, जिसमें वह कह रहा है, “मैंने कुछ नहीं किया है। भारत मुझ पर और पाकिस्तान पर इस हमले का झूठा आरोप लगा रहा है। इससे दुनियाभर में पाकिस्तान की प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंच रहा है। पहलगाम में हुए आतंकी हमले के पीछे जिन आतंकियों का हाथ था, उनसे मेरा कोई लेना-देना नहीं है।”
पहलगाम आतंकी हमले के चार दिन पहले ही दी थी धमकी
गौरतलब है कि पहलगाम आतंकी हमले के चार दिन पहले ही सैफुल्लाह ने 18 अप्रैल को पीओके के रावलकोट में एक रैली की थी, जिसमें उसने भारत, पीएम नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) और हिंदुओं (Hindus) के खिलाफ जमकर जहर उगला था। सैफुल्लाह ने जम्मू और कश्मीर से धारा 370 हटाने के फैसले का पुरजोर विरोध करते हुए कश्मीर में जिहाद फैलाने और कत्लेआम मचाने की धमकी दी थी।
आईएसआई के साथ मिलकर काम करता है टीआरएफ
द रेसिस्टेन्स फ्रंट – टीआरएफ, जिसके आतंकियों ने पहलगाम आतंकी हमले को अंजाम दिया है, पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई (ISI) के साथ मिलकर काम करता है। इस आतंकी संगठन का निर्माण 2019 में हुआ था और 2023 में भारत ने इसे बैन कर दिया था। टीआरएफ, पाकिस्तान से जम्मू और कश्मीर में आतंकी गतिविधियों, आतंकियों की भर्ती, आतंकियों की घुसपैठ और पाकिस्तान से जम्मू और कश्मीर में हथियारों और नशीले पदार्थों की तस्करी, लोकल कश्मीरियों को भड़काने, उनका ब्रेनवॉश करने और भारत के खिलाफ अपने आतंकी मंसूबों में उनका इस्तेमाल करने जैसे काम करता है।
पाकिस्तान के खिलाफ भारत का एक्शन शुरू
पहलगाम आतंकी हमले का जवाब देने के लिए भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ एक्शन भी शुरू कर दिया है। बुधवार को पीएम मोदी की अध्यक्षता में हुई CEC की मीटिंग के बाद विदेश मंत्रालय की ओर से की गई प्रेस कॉन्फ्रेंस में भारत सरकार की तरफ से लिए गए 5 फैसलों का ऐलान किया गया, जिससे पाकिस्तान को जोर का झटका जोर से लगा है। आइए नज़र डालते हैं भारत सरकार के उन फैसलों पर।
◙ भारत ने पाकिस्तान के साथ 1960 से चल रहे सिंधु जल समझौते पर तत्काल प्रभाव से रोक लगा दी है। इस फैसले से पाकिस्तान में पानी की बड़ी समस्या पैदा हो जाएगी, क्योंकि पाकिस्तान के बड़े हिस्से के लिए पानी की सप्लाई का सबसे बड़ा जरिया सिंधु जल समझौता ही है।
◙ अटारी चेक पोस्ट को तुरंत प्रभाव से बंद कर दिया गया है। ऐसे में वैध दस्तावेजों के साथ जो लोग बॉर्डर पार कर चुके हैं, उन्हें उसी रास्ते से वापस आने के लिए 1 मई तक का समय दिया गया है।
पाकिस्तानी नागरिकों को वीज़ा देने पर रोक लगा दी गई है और जिन्हें पहले से वीज़ा दिया जा चुका है, उन्हें रद्द कर दिया गया है। इस फैसले के परिणामस्वरूप भारत में मौजूद पाकिस्तानी नागरिकों को अगले 48 घंटे में देश छोड़कर जाना होगा।
◙ दिल्ली में पाकिस्तानी उच्चायोग में रक्षा/सैन्य, नौसेना और वायु सलाहकारों को अवांछित व्यक्ति घोषित किया जाता है। उनके पास भारत छोड़ने के लिए एक सप्ताह का समय है। भारत, इस्लामाबाद में भारतीय उच्चायोग से अपने रक्षा/नौसेना/वायु सलाहकारों को वापस बुलाएगा। संबंधित उच्चायोगों में इन पदों को निरस्त माना जाएगा। सेवा सलाहकारों के 5 सहायक कर्मचारियों को भी दोनों उच्चायोगों से वापस बुलाया जाएगा।
उच्चायोगों की कुल संख्या को वर्तमान 55 से घटाकर 30 किया जाएगा, जो 1 मई, 2025 तक प्रभावी में आ जाएगी।
भारत में पाकिस्तान सरकार का सोशल मीडिया अकाउंट बैन
आज भारत सरकार ने देश में पाकिस्तान सरकार का एक्स (पूर्व में ट्विटर) अकाउंट बैन कर दिया है। इस फैसले के बाद अब भारत में पाकिस्तानी सरकार के सोशल मीडिया अकाउंट की पोस्ट्स नहीं देखी जा सकती।
पाकिस्तान में डर का माहौल
भारत के एक्शन में आने से पाकिस्तान में डर का माहौल है। पाकिस्तान में आर्मी, एयरफोर्स और नेवी को अलर्ट मोड पर रहने का आदेश दिया गया है। इतना ही नहीं, भारत से बढ़ते तनाव के बीच पाकिस्तान ने 24-25 अप्रैल को अपने विशेष आर्थिक क्षेत्र के भीतर कराची तट पर सतह से सतह पर मार करने वाली मिसाइल का परीक्षण करने के लिए अधिसूचना जारी की गई है। पाकिस्तान के इस कदम पर भारत की एजेंसियों की कड़ी नज़र है।
पहलगाम आतंकी हमले के बाद पाकिस्तान ने दिया मिसाइल परीक्षण का आदेश, भारत से तनाव के बीच बड़ा फैसला
पहलगाम आतंकी हमले (Pahalgam Terrorist Attack) से पूरे भारत (India) में गुस्से का माहौल है, तो इस वजह से पाकिस्तान (Pakistan) में डर का माहौल है। पाकिस्तान को इस बात का डर है कि कहीं भारत जवाबी हमला न कर दे। इस वजह से पाकिस्तान की सेना भी अलर्ट मोड पर है। बुधवार की रात पाकिस्तान की एयरफोर्स को इस बात का डर सता रहा था कि कहीं भारत पीओके में एयरस्ट्राइक न कर दे, क्योंकि पीओके में आतंकी संगठन के पर जवाबी हमला कर सकता है। इसकी वजह है पीओके में आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा (Lashkar-e-Taiba) का लॉन्च पैड, जहाँ से कई आतंकी गतिविधियों को अंजाम दिया जाता है। इसी बीच आज पाकिस्तान ने एक बड़ा फैसला लिया है।भारत से बढ़ते तनाव के बीच पाकिस्तान ने 24-25 अप्रैल को अपने विशेष आर्थिक क्षेत्र के भीतर कराची तट पर सतह से सतह पर मार करने वाली मिसाइल का परीक्षण करने के लिए अधिसूचना जारी की है। संबंधित भारतीय एजेंसियाँ सभी घटनाक्रमों पर कड़ी नज़र बनाए हुए हैं। इस बारे में देश के रक्षा सूत्रों ने जानकारी दी है।
आ गया आतंकियों के मिट्टी में मिलने का समय, PM मोदी का पाकिस्तान को कड़ा सन्देश
पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पाकिस्तान को सख्त चेतावनी दी है। बिहार के मधुबनी में पंचायती राज दिवस के अवसर पर आयोजित एक कार्यक्रम में पीएम मोदी ने कहा, “पहलगाम के आतंकियों को बख्शा नहीं जाएगा, उन्हें मिट्टी में मिला दिया जाएगा।” यह कड़ा संदेश आतंकवाद के खिलाफ भारत की जीरो टॉलरेंस नीति को दर्शाता है। इस दौरान उन्होंने 22 अप्रैल को हमले में जान गंवाने वालों को श्रद्धांजलि दी और लोगों से कुछ पल मौन रखने की अपील की।पीएम मोदी ने कहा कि यह हमला सिर्फ निहत्थे पर्यटकों पर नहीं हुआ है, देश के दुश्मनों ने भारत की आत्मा पर हमला करने का दुस्साहस किया है। मैं बहुत स्पष्ट शब्दों में कहना चाहता हूं कि जिन्होंने यह हमला किया है, उन आतंकियों को और इस हमले की साजिश रचने वालों को उनकी कल्पना से भी बड़ी सजा मिलेगी। सजा मिलकर रहेगी। अब आतंकियों की बची-खुची जमीन को भी मिट्टी में मिलाने का समय आ गया है। 140 करोड़ भारतीयों की इच्छाशक्ति अब आतंक के आकाओं की कमर तोड़कर रहेगी।
सेना को खुली छूट… भारत-पाकिस्तान के बीच जंग हुई तो कितना आएगा खर्च, इन आंकड़ों से समझिए
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को एक उच्च-स्तरीय सुरक्षा बैठक की अध्यक्षता की। बैठक के बाद पीएम मोदी ने आतंकवाद को कुचलने का संकल्प लिया। उन्होंने भारतीय सशस्त्र बलों की क्षमताओं पर पूरा भरोसा जताया। सेना को अपना एक्शन, टारगेट और टाइम तय करने की खुली छूट दी। अगर भारत और पाकिस्तान के बीच पूर्ण पैमाने पर जंग होती है तो इसकी लागत बहुत अधिक होगी। यह कई लाख करोड़ रुपये तक जा सकती है। हालांकि, युद्ध की लागत का सटीक अनुमान लगाना बहुत मुश्किल है। कारण है कि यह जंग की अवधि, तीव्रता और दायरे जैसे कई फैक्टर्स पर निर्भर करता है। फिर भी कारगिल युद्ध के अनुभवों और कुछ अनुमानों के आधार पर एक आइडिया जरूर मिल सकता है।
अलग-अलग सोर्सेज के अनुसार, 1999 के कारगिल युद्ध की भारत के लिए अनुमानित लागत 5,000 करोड़ से 10,000 करोड़ रुपये के बीच थी। यह उस समय के संदर्भ में यह एक बड़ी रकम थी। इसमें सैन्य अभियान, गोला-बारूद, रसद, सैनिकों का वेतन और अन्य संबंधित खर्च शामिल थे। भारतीय वायुसेना के हवाई हमलों का अनुमानित खर्च लगभग 2,000 करोड़ रुपये था। सेना के दैनिक ऑपरेशंस का खर्च लगभग 10-15 करोड़ रुपये था।
अर्थव्यवस्था पर होगा गंभीर असर
युद्ध का भारतीय अर्थव्यवस्था पर गंभीर असर पड़ेगा। इसमें उत्पादन में कमी, व्यापार में व्यवधान, महंगाई का बढ़ना और निवेशकों का विश्वास कम होना शामिल है। अप्रत्यक्ष आर्थिक लागत प्रत्यक्ष सैन्य लागत से कहीं अधिक हो सकती है। इसके अलावा सैनिकों और नागरिकों की जान-माल की हानि और घायलों की देखभाल की लागत भी बहुत अधिक होगी। इसका आकलन करना मुश्किल है।
इन अनुमानों से मिलते हैं लागत के संकेत
एक हालिया विश्लेषण (अप्रैल 2025) के अनुसार, अगर भारत और पाकिस्तान के बीच चार सप्ताह का पारंपरिक युद्ध होता है तो भारत को 750 अरब डॉलर (लगभग 62 लाख करोड़ रुपये) तक का आर्थिक नुकसान हो सकता है। यह आंकड़ा युद्ध के कारण होने वाली व्यापक आर्थिक क्षति को ध्यान में रखता है, न कि केवल सैन्य खर्च को। एक अन्य अनुमान के अनुसार, एक सीमित 42-दिवसीय युद्ध की भारत को लागत लगभग 49,000 करोड़ रुपये आ सकती है
Pahalgam Attack News: आतंकी हमले में हनीमून पर गए नेवी अफसर की गई जान, 3 दिन पहले हुई शादी