Stock Market Crash: सेंसेक्स 940 अंक गिरकर अभी 73670 पर कारोबार कर रहा है, जबकि निफ्टी 270 अंक टूटकर 22774 लेवल पर कारोबार कर रहा है. निफ्टी बैंक 48250 पर बना हुआ है. रिलायंस और HDFC बैंक को छोड़कर BSE के टॉप 30 के सभी शेयर गिरावट पर हैं. बीते पांच महीने के दौरान Sensex 11.54 फीसदी टूट चुका है, जबकि निफ्टी 12.65 फीसदी गिरा है. BSE मिडकैप की बात करें तो यह 20 फीसदी से ज्यादा और बीएसई स्मॉलकैप 22.78 फीसदी गिरा है
शेयर बाजार में आज बड़ी गिरावट ने करीब 30 साल पुराना रिकॉर्ड भी ध्वस्त कर दिया है. निवेशकों में अब और डर बन गया है कि आखिर अब आगे क्या होगा? अक्टूबर 2024 से निफ्टी हर महीने गिरावट में बंद हुआ है. ये 5 महीने में 12% गिर चुका है. 1996 के बाद यह पहली बार है कि बाजार में लगातार पांचवें महीने गिरावट रही है. इससे पहले 1996 में जुलाई से लेकर नवंबर महीने के बीच बाजार में लगातार 5 महीने गिरावट आई थी. उस समय निफ्टी 50 इंडेक्स 26 फीसदी टूटा था. बीते पांच महीने के दौरान Sensex 11.54 फीसदी टूट चुका है, जबकि निफ्टी 12.65 फीसदी गिरा है. BSE मिडकैप की बात करें तो यह 20 फीसदी से ज्यादा और बीएसई स्मॉलकैप 22.78 फीसदी गिरा है.
पिछले पांच महीने के दौरान गिरावट के कारण बीएसई मार्केट कैपिटलाइजेशन में भी हैवी गिरावट हुई है. यानी निवेशकों का वैल्यूवेशन काफी कम हुआ है. बीएसई सेंसेक्स में कंपनियों का कुल बाजार पूंजीकरण (Market Capitalization) 26 सितंबर, 2024 से लगभग 25 लाख करोड़ रुपये कम हो गया है, जब इंडेक्स का मार्केट वैल्यूवेशन लगभग 171 लाख करोड़ रुपये के रिकॉर्ड हाई लेवल पर पहुंच गया था. दूसरी ओर, इसी अवधि के दौरान ओभर ऑल बीएसई-लिस्टेड फर्मों का कुल मार्केट वैल्यूवेशन लगभग 92 लाख करोड़ रुपये कम हुआ है.
BSE के इन शेयरों को भारी घाटा
बीएसई के टॉप 30 में से 28 शेयरों ने ज्यादा दर्द दिया है. 35% की गिरावट के साथ टाटा मोटर्स (Tata Motors Share) टॉप पर है. इसके बाद एशियन पेंट्स (32% नीचे), पावर ग्रिड कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (30% नीचे) और इंडसइंड बैंक (28% नीचे) का स्थान रहा है. दूसरी ओर, बजाज फाइनेंस और कोटक महिंद्रा बैंक ने 26 सितंबर, 2024 और 27 फरवरी, 2025 के दौरान 12% और 2.3% की बढ़त हासिल की.
गिरावट के क्या पीछे ये हैं बड़े कारण?
मार्केट एक्सपर्ट्स का मानना है कि विदेशी संस्थागत निवेशकों (FII) द्वारा भारी बिकवाली, अमेरिकी बांड पर बढ़ती आय, रुपए में भारी गिरावट, तीसरी तिमाही के आय में सुस्ती और हाई वैल्यूवेशन ने हाल के महीनों में बाजार की धारणा को प्रभावित किया है. वहीं अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की ओर से लिए गए टैरिफ को लेकर फैसले ने बाजार की दिशा-दशा बदली है.
क्या मार्च में भी जारी रहेगी गिरावट?
ऐतिहासिक रूप से मार्च का महीना तेजड़ियों के पक्ष में रहा है, यानी मार्च में शेयर बाजार अक्सर तेजी में रहा है. पिछले 15 सालों में बेंचमार्क इंडेक्स ने 10 बार पॉजिटिव रिटर्न दिया है और निवेशकों की कमाई कराई है. 30 साल पहले ही मार्च के दौरान तेजी रही थी. मार्केट में जारी इस गिरावट के बीच बाजार जानकारों ने भारतीय बाजार और शेयरों को ओवरवैल्यूड बताया है. जानकारों का मानना है कि इकोनॉमी के मुकाबले भारतीय बाजार अभी काफी ओवरवैल्यूड हैं और स्टॉक्स काफी महंगे हैं. इस बीच सबसे ज्यादा हैरानी की बात तो ये है कि बीते 4 महीनों से जारी गिरावट के चलते कई स्टॉक्स 50 फीसदी से ज्यादा तक गिर चुके हैं. बाजार विषेशज्ञों ने बाजार में अभी भी और गिरावट की आशंका जताई है. उनका कहना है कि अभी स्टॉक्स महंगे होने के कारण बाजार और भी गिर सकता है.

एक्सपर्ट्स का क्या कह रहे है?
जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज के मुख्य निवेश रणनीतिकार वीके विजयकुमार ने कहा कि मार्च में बेहतर मैक्रो न्यूज फ्लो और FII की धीमी बिक्री के कारण भारतीय बाजार में सुधार देखने को मिल सकता है. चूंकि लार्जकैप वैल्यूएशन उचित है, इसलिए FII की ओर से पिछले कुछ महीनों के दौरान आक्रामक तरीके से बिक्री करने की संभावना नहीं है. उन्होंने कहा कि लंबी अवधि के नजरिए के हिसाब से अच्छे शेयरों को खरीद सकते हैं.अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने 4 मार्च से मैक्सिको और कनाडा टेरिफ की शुरुआत की घोषणा की है. वहीं चीन पर टैरिफ को और बढ़ाने का भी ऐलान किया है. इस ऐलान के बाद एनवीडिया में रातोंरात 8.5 प्रतिशत की गिरावट ने नैस्डैक को गिरा दिया. जिसका असर आज एशियाई बाजार पर भी दिखाई दिया और अब भारतीय बाजार भी बड़ी गिरावट में कारोबार कर रहा है.
वित्त वर्ष 26 में भारतीय इक्विटी बाजारों के लिए जोखिम और चुनौतियों पर अपने विचार साझा करते हुए केनेथ एंड्रेड, सीआईओ ओल्ड ब्रिज म्यूचुअल फंड और संस्थापक, निदेशक ओल्ड ब्रिज कैपिटल मैनेजमेंट ने कहा कि भारत की विकास संभावनाएं आशाजनक हैं, जोखिम भी हैं.
एचडीएफसी सिक्योरिटीज के विश्लेषक नागराज शेट्टी को निकट भविष्य में बाजार में और कमजोरी नजर आ रही है. शेट्टी ने कहा, निफ्टी शॉर्ट टर्म में और गिरावट की उम्मीद की जा सकती है. 22400 (20 महीने की EMA) के सपोर्ट से नीचे जाने के बाद, निफ्टी अब आने वाले सप्ताह में 21800-21700 के स्तर (मार्च-अप्रैल 24 के स्विंग लो) के अगले निचले सपोर्ट तक गिर सकता है. HDFC सिक्योरिटीज के प्राइम रिसर्च प्रमुख देवर्ष वकील ने कहा कि निफ्टी के लिए सपोर्ट 22,000-22,050 की सीमा में होने की उम्मीद है, जिसके नीचे यह 21,777 के समर्थन स्तर तक गिर सकता है. ऊपर की ओर, 22500 के करीब 5-दिवसीय ईएमए प्रतिरोध के रूप में काम कर सकता है.
आज कहां बंद हुआ बाजार?
Nifty आज 420 अंक टूटकर 22124 पर बंद हुआ. जबकि सेंसेक्स में 1414 अंकों की गिरावट आई और यह 73198 पर क्लोज हुआ. वहीं निफ्टी बैंक 400 अंक गिरकर 48344 पर क्लोज हुआ. बीएसई के टॉप 30 शेयरों में से 29 शेयर गिरे, जिसमें सबसे ज्यादा टेक महिंद्रा के शेयर 6 फीसदी से ज्यादा टूटे. वहीं 1.86 फीसदी की तेजी एचडीएफसी बैंक में रही.
बीएसई पर 590 शेयर एक साल के निचले स्तर पर
बीएसई पर आज कुल 3,263 शेयरों की ट्रेडिंग हुई, जिनमें:
- 544 शेयरों में बढ़त रही.
- 2599 शेयर लाल निशान पर बंद हुए.
- 120 शेयरों में कोई बदलाव नहीं हुआ.
- 590 शेयर एक साल के निचले स्तर पर पहुंच गए.
- 39 शेयर अपर सर्किट में पहुंचे.
- 172 शेयर लोअर सर्किट में रहे.
- ये 10 शेयर ज्यादा गिरे
चंबल फर्टलाइजर शेयर करीब 7 फीसदी गिरा, रेडिगटन के शेयर में 6.8 फीसदी, क्रेडिट एक्सेस में 6 फीसदी, पतंजलि फूड 10 फीसदी, IREDA शेयर 7 फीसदी, Hexacom करीब 5 प्रतिशत, इंफोएज करीब 6 फीसदी, टेक महिंद्रा 5 फीसदी, Indusind Bank के शेयर 4.50 फीसदी और महिंद्रा एंड महिंद्रा के शेयर करीब 5 फीसदी गिरकर कारोबार कर रहे थे.
7 लाख करोड़ स्वाहा!
Sensex में 900 pts से ज्यादा गिरावट के कारण शुक्रवार को निवेशकों का एक बड़ा अमाउंट नुकसान में चला गया. बीएसई मार्केट कैप आज 6.72 लाख करोड़ रुपये घटकर 386.38 लाख करोड़ रुपये हो गया, जो कल मार्केट क्लोज होने तक 393.10 लाख करोड़ रुपये था.
क्या आगे भी रहेगा बाजार पर दबाव?
विशेषज्ञों का मानना है कि अगले कुछ दिनों तक बाजार में उतार-चढ़ाव जारी रह सकता है. अमेरिकी नीति, वैश्विक बाजारों की स्थिति और भारतीय अर्थव्यवस्था से जुड़े आंकड़े निवेशकों के लिए महत्वपूर्ण रहेंगे. निवेशकों को सलाह दी जाती है कि वे सतर्क रहें और निवेश से पहले अच्छी रिसर्च करें.
बाजार में गिरावट की 3 बड़ी वजहें
- अमेरिका का टैरिफ फैसला: अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप ने मेक्सिको और कनाडा से आयात पर नए टैरिफ लागू करने का ऐलान किया. इससे वैश्विक बाजारों में दबाव बढ़ा और भारतीय बाजार पर भी असर दिखा.
- FII की बिकवाली: विदेशी संस्थागत निवेशक (FII) लगातार भारतीय बाजारों में बिकवाली कर रहे हैं, जिससे गिरावट तेज हो रही है.
- भारत की तीसरी तिमाही (Q3) जीडीपी डेटा: देश की अर्थव्यवस्था से जुड़े नए आंकड़े जारी होने वाले हैं जो बाजार को प्रभावित कर रहे हैं. इससेनिवेशकों में अनिश्चितता बनी हुई है.
रुपए में गिरावट
रुपया शुक्रवार को शुरुआती कारोबार में 19 पैसे टूटकर अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 87.37 पर आ गया. अमेरिकी मुद्रा की मजबूती और घरेलू शेयर बाजारों में नकारात्मक रुख ने निवेशकों की धारणा को प्रभावित किया.
Gold-Silver Price Today: लगातार तीसरे दिन सोने के भाव में गिरावट, चांदी भी फिसली, देखें आज क्या हैं दाम
भारत के ज्यादातर शहरों में सोने के भावों में गिरावट का सिलसिला जारी है। शुक्रवार, 28 फरवरी को लगातार तीसरे दिन सोने के दाम नीचे लुढ़क गए। अंतरराष्ट्रीय बाजार में जारी घाटे का असर घरेलू बाजार में भी दिखाई दे रहा है।
ग्लोबल मार्केट्स में सोने का भाव $2,900 प्रति आउंस की कीमत से नीचे हफ्ते में सबसे न्यूनतम स्तर पर पहुंच गया। अमेरिका में PCE मूल्य सूचकांक से जुड़ा जरूरी डेटा सामने आने वाला है। इससे फेडरल बैंक के ब्याज दरों में कटौती के रुख का पता चल सकता है। इसका असर बाजार पर भी जारी है।
शुक्रवार को शुरुआती एशियाई कारोबार में स्पॉट गोल्ड की कीमत 0.14% की गिरावट के साथ $2,872 प्रति आउंस पर आ गई। इसके अलावा घरेलू बाजार में खुदरा विक्रेताओं और जौहरियों की ओर से मांग में कमी भी कीमतों में गिरावट के लिए जिम्मेदार समझी जा रही है।
भारत में आज सोने के भाव
शुक्रवार को शुरुआती कारोबार के दौरान 24K सोने की कीमत खिसककर ₹87,370 प्रति 10 ग्राम पर पहुंच गई। वहीं, 22K सोना भी लुढ़ककर ₹80,090 प्रति 10 ग्राम पर आ गिरा। इसके पहले गुरुवार को 24K सोने में ₹440 की गिरावट दर्ज की गई थी जबकि 22K सोना भी ₹400 से नीचे आ गया था।
शुक्रवार को दिल्ली के बाजारों में 24K सोने की कीमत ₹87,520 प्रति 10 ग्राम और 22K सोने की कीमत ₹80,240 प्रति 10 ग्राम पर आ गई। दोनों के भाव में ₹10 की गिरावट देखी गई।
भारत में आज चांदी के भाव
देश के ज्यादातर बड़े शहरों में चांदी के भावों में भी ₹100 की गिरावट दर्ज की गई। शुक्रवार को शुरुआती कारोबार में चांदी के भाव ₹97,900 प्रति किलो रहे। वहीं, अमेरिकी डॉलर में मजबूती आने से चांदी की स्थिति कमजोर हुई है।
अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप ने चीन पर मार्च से अतिरिक्त 10% शुल्क लगाने की चेतावनी दी है और अप्रैल से यूरोप पर जवाबी टैरिफ लगाने का ऐलान किया था। इससे वैश्विक ग्रोथ को लेकर चिंता पैदा हो गई है।
आर्थिक वृद्धि की रफ्तार धीमी होने से उद्योगों में चांदी की डिमांड पर नकारात्मक असर हो सकता है। हालांकि, शुरुआती एशियाई कारोबार में स्पॉट सिल्वर की कीमत 0.3% बढ़कर $31.35 प्रति आउंस पर पहुंच गई थी।
शेयर में निवेश से पहले सावधानी बरते किसी अच्छे वित्तीय सलाहकार की मदद जरूर लें.)
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