New toll plaza system: FASTAG अगर आप भी हाईवे पर सफर करते हैं और FASTag के झंझट से परेशान है, तो यह खबर आपके लिए महत्वपूर्ण है। अब FASTag का सिस्टम खत्म होने जा रहा है और टोल टैक्स देने का नया तरीका लागू होने वाला है। सरकार एक ऑटोमैटिक टोल डिडक्शन सिस्टम ला रही है, जिससे सफर और भी आसान हो जायेगा। आइए जानते हैं कि नया सिस्टम कैसे काम करेगा, इससे आपको क्या फायदे होंगे और किन बातों का ध्यान रखना जरूरी होगा.
FASTag को भारत में 2016 में शुरू किया गया था ताकि टोल प्लाजा पर लगने वाले लंबे जाम से राहत मिल सके और डिजिटल पेमेंट को बढ़ावा मिले। लेकिन पिछले कुछ सालों में इसमें कई समस्याएं सामने आईं:
- कई जगह FASTag स्कैन नहीं हो पाता है, जिससे गाड़ियां रुक जाती हैं। और जाम लग जाता है.
- कुछ लोगों ने डुप्लीकेट या फेक FASTag का इस्तेमाल करना शुरू कर दिया था जिससे निजात मिलेगी.
- कई FASTag यूजर्स को अकारण ज्यादा चार्ज कर दिया जाता था। अक्सर ऐसी सिकायत आने लगी थी
- जिन गाड़ियों में बैलेंस नहीं होता, उन्हें टोल प्लाजा पर रोका जाता, जिससे ट्रैफिक बढ़ता।
- अक्सर सरकारी लोग अपने प्राइवेट वाहनों में भी टोल में छूट प्राप्त कर लेते थे अब केवल सरकारी वाहनों को ही टोल से छूट प्रदान की जाएगी अगर सरकारी अधिकारी या कर्मचारी अपने निजी वाहन का प्रयोग करता है तो उसे टोल देना होगा.
इन सब परेशानियों को दूर करने के लिए सरकार अब नए टोल कलेक्शन सिस्टम पर काम कर रही है, जो ज्यादा स्मार्ट और सुविधाजनक हो जायेगा.
1 मार्च 2025 से कैसे कटेगा टोल टैक्स?
सरकार “ऑटोमैटिक नंबर प्लेट रिकग्निशन सिस्टम” (ANPR) को लागू कर रही है। इस तकनीक में गाड़ी के नंबर प्लेट को स्कैन करके टोल अपने आप कट जाएगा। यानी अब ना तो किसी टैग की जरूरत होगी और ना ही बैलेंस चेक करने का झंझट।
यह सिस्टम ऐसे काम करेगा
- कैमरे से स्कैनिंग – टोल प्लाजा पर हाई-रिजोल्यूशन कैमरे लगे होंगे, जो आपकी गाड़ी की नंबर प्लेट को स्कैन करेंगे।
- डाटाबेस से सीधा मिलान – आपकी गाड़ी का नंबर सरकारी डाटाबेस से लिंक रहेगा, जिससे पता चलेगा कि यह गाड़ी किसके नाम पर रजिस्टर है।
- ऑटोमैटिक पेमेंट – टोल अमाउंट आपके बैंक अकाउंट, मोबाइल वॉलेट, या लिंक किए गए यूपीआई से अपने आप काट लिया जाएगा।
- फास्ट एंट्री-एग्जिट – बिना रुके आप आसानी से टोल पार कर सकेंगे।
यह सिस्टम यूरोप और अमेरिका के कई देशों में पहले से लागू है और अब भारत भी इसे अपनाने जा रहा है।
नए टोल सिस्टम के ये होंगे फायदे
बिना रुके सफर – अब टोल प्लाजा पर लंबी लाइन में लगने की जरूरत नहीं होगी।
फ्रॉड से बचाव – कोई भी फेक या डुप्लीकेट FASTag यूज नहीं कर पाएगा। केवल सरकारी वाहन ही टोल से छुट प्राप्त कर सकेंगे.
सटीक पेमेंट – जितना सफर करेंगे, उतना ही टोल कटेगा, कोई अतिरिक्त चार्ज नहीं।
कैशलेस और पेपरलेस सिस्टम – हर चीज डिजिटल होगी, जिससे पारदर्शिता बनी रहेगी।
कम प्रदूषण – टोल पर रुकने से लगने वाले जाम और वाहनों के स्टार्ट-स्टॉप से होने वाला प्रदूषण कम होगा।
क्या आपको कुछ नया करना होगा?
नहीं, सरकार इस सिस्टम को आपके व्हीकल रजिस्ट्रेशन नंबर से ऑटोमैटिक लिंक करेगी। हालांकि, आपको ये कुछ चीजें ध्यान में रखनी होंगी:
- आपकी गाड़ी की नंबर प्लेट हाई-सिक्योरिटी रजिस्ट्रेशन प्लेट (HSRP) होनी चाहिए।
- आपका बैंक अकाउंट या UPI आईडी वाहन के साथ लिंक होनी चाहिए, जिससे पेमेंट हो सके।
- अगर आपकी गाड़ी की नंबर प्लेट पुरानी है, तो आपको इसे बदलवाना पड़ सकता है।
अगर आपका अकाउंट बैलेंस कम है तो क्या होगा?
बहुत से लोगों के मन में ये सवाल होगा कि अगर अकाउंट में पैसे नहीं हैं तो क्या होगा? इसके लिए सरकार कुछ विशेष नियम ला सकती है:
- पहली बार बैलेंस कम होने पर सिर्फ अलर्ट भेजा जाएगा।
- दूसरी बार चेतावनी दी जाएगी और पेमेंट करने के लिए कुछ समय दिया जाएगा।
- बार-बार भुगतान न करने वालों की गाड़ी पर फाइन लगाया जाएगा या ब्लैकलिस्ट किया जा सकता है।
भविष्य में और क्या बदलाव आ सकते हैं?
सरकार लगातार इस सिस्टम को और बेहतर बनाने की कोशिश कर रही है। कुछ संभावित बदलाव ये हो सकते हैं:
GPS बेस्ड टोलिंग सिस्टम – यानी टोल केवल आपकी यात्रा की दूरी के हिसाब से कटेगा।
इलेक्ट्रॉनिक टोलिंग का विस्तार – आने वाले समय में शहरों के अंदर भी टोल कलेक्शन इसी तरीके से किया जा सकता है।
फास्ट और स्मार्ट रोड सिस्टम – जिससे ट्रैफिक और भी स्मूद हो सके।
क्या यह बदलाव आपके लिए फायदेमंद है?
1 मार्च 2025 से FASTag का सिस्टम खत्म हो रहा है और नया ANPR आधारित टोलिंग सिस्टम आ रहा है।
यह सिस्टम न सिर्फ ट्रैफिक की समस्या को कम करेगा, बल्कि लोगों को स्मार्ट और कैशलेस सफर का अनुभव भी देगा।
अगर आपकी गाड़ी की नंबर प्लेट HSRP नहीं है, तो उसे जल्द से जल्द अपडेट करवाएं।
बैंक अकाउंट को व्हीकल नंबर से लिंक करें ताकि टोल पेमेंट में कोई दिक्कत न आए।
नया सिस्टम भारतीय हाईवे को और ज्यादा मॉडर्न और स्मार्ट बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम है।
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