Indian migrants sent back from US: अमेरिका के डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन ने भारतीय प्रवासियों की वापसी प्रक्रिया को शुरू कर दी है. एक रिपोर्ट के अनुसार, अमेरिकी सैन्य विमान से लगभग 200 भारतीय अवैध प्रवासी ट्रंप प्रशासन की कड़ी प्रवासी नीतियों के तहत वापस देश भेजे दिये गए हैं. जिनमें से एक फ्लाइट आज अमृतसर एयरपोर्ट पर लैंड हुई है जिसमें 104 भारतीय अमेरिका से भारत पहुंचे हैं अमेरिका से डिपोर्ट कर लाए गए भारतीयों को मेक्सिको-अमेरिकी सीमा से पकड़ा गया था. कहा जा रहा है कि ये भारत से वैध तरीके से रवाना हुए थे लेकिन इन्होंने डंकी रूट के जरिए अमेरिका में घुसने की कोशिश की थी. हालांकि जिस तरह से बेड़ियों में बांधकर भारतीय लोगों को भेजा गया है उसे लेकर प्रधानमंत्री भारत ने आपत्ति व्यक्त की है. भारत ने अमेरिका को कहा है कि हम अपने नागरिकों की वापसी स्वीकार कर रहे हैं परंतु हमारे नागरिकों के हम अमानवीय व्यवहार बर्दाश्त नहीं करेंगे.
अमेरिका का मिलिट्री प्लेन अवैध भारतीय प्रवासियों को लेकर भारत पहुंच चुका है. अमेरिकी C-147 प्लेन से अवैध प्रवासी भारतीयों का पहला जत्था भारत पहुंचा गया है. इस प्लेन में 104 भारतीय सवार हैं यह प्लेन अमृतसर एयरपोर्ट पर लैंड हो चुका है, जहां पुलिस और प्रशासन मुस्तैद हैं अमृतसर डिप्टी कमीश्नर ने पुष्टि की कि बुधवार को दोपहर 1.59 बजे प्लेन अमृतसर एयरपोर्ट पर लैंड हो गया है एयरपोर्ट पर मौजूद अमेरिकी दूतावास के एक अधिकारी ने बताया कि प्लेन में कुल 104 भारतीय हैं जिनमें 13 बच्चे, 79 पुरुष और 25 महिलाएं हैं. इन भारतीयों में से 33 लोग गुजरात से हैं जो अमृतसर एयरपोर्ट के भीतर ही रहेंगे और इन्हें वहीं से सीधे गुजरात भेजा जाएगा.जानकारी के अनुसार अमेरिका से डिपोर्ट कर लाए गए भारतीयों को मेक्सिको-अमेरिकी सीमा से पकड़ा गया था. कहा जा रहा है कि ये भारत से वैध तरीके से रवाना हुए थे लेकिन इन्होंने डंकी रूट के जरिए अमेरिका में घुसने की कोशिश की थी. भारत पहुंचने पर इन लोगों की गिरफ्तारी का कोई आधार नहीं है क्योंकि इन्होंने किसी भी तरह से भारतीय कानूनों का उल्लंघन नहीं किया है. वहां मौजूद अधिकारियों ने बताया कि सभी नागरिकों को उनके घरों को वापस भेज दिया जाएगा परंतु पहले सब की जांच की जाएगी.
किस राज्य से कितने लोग वापिस पहुँचे है?
इस प्लेन में पंजाब से 30, हरियाणा से 33, गुजरात से 33, महाराष्ट्र से 3, उत्तर प्रदेश के 3 और चंडीगढ़ के 2 लोग हैं. बता दें कि अमेरिका में रह रहे अवैध प्रवासी भारतीयों को लेकर US एयरफोर्स के C-17 ग्लोबमास्टर एयरक्राफ्ट ने टेक्सास के पास अमेरिकी सैन्यअड्डे से उड़ान भरी. इस प्लेन में 104 अवैध भारतीय प्रवासी हैं.
आपको बता दे की 27 जनवरी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से फोन पर हुई बातचीत के बाद ट्रंप ने कहा था कि अमेरिका से अवैध प्रवासी भारतीयों को वापस भारत बुलाने के लिए भारत सही कदम उठाएगा. एक अनुमान के मुताबिक, अमेरिका में लगभग 18000 अवैध प्रवासी भारतीय हैं, जिन्हे भारत डिपोर्ट किया जाना है. ट्रंप के सत्ता में आने के बाद भारत सरकार ने इस समस्या को सुलझाने के लिए अमेरिका के साथ मिलकर काम करने की इच्छा जताई थी.
अवैध प्रवासी भारतीयों को लेकर राइटर की रिपोर्ट
अमेरिका ने भारतीय प्रवासियों को देश से बाहर निकालने की प्रक्रिया शुरू कर दी है. मंगलवार (4 फरवरी) को अंतरराष्ट्रीय समाचार एजेंसी रॉयटर्स ने रिपोर्ट दी है कि एक अमेरिकी सैन्य विमान भारत के लिए रवाना हुआ है, जिसमें अमेरिका से निकाले गए प्रवासी सवार हैं.
रॉयटर्स ने लिखा है, ‘एक अमेरिकी अधिकारी ने सोमवार (3 फरवरी) को बताया कि एक अमेरिकी सैन्य विमान प्रवासियों को भारत वापस भेज रहा है. …पहचान ज़ाहिर न करने की शर्त पर बात करने वाले अधिकारी ने बताया कि C-17 विमान प्रवासियों के साथ भारत के लिए रवाना हो चुका है, वहां पहुंचने में कम से कम 24 घंटे लगेंगे.’
C-17 विमान भारतीय समयानुसार सुबह 3 बजे रवाना हुआ है. सीएनबीसी ने सरकारी सूत्रों के हवाले से बताया कि C-17 सैन्य विमान से भारत भेजे जा रहे लगभग 200 अवैध प्रवासी भारतीय हैं.
यह डोनाल्ड ट्रंप के दोबारा सत्ता में आने के बाद अमेरिका से निकाले जा रहे अवैध प्रवासियों का पहला भारतीय समूह है. पिछले साल विशेष विमानों के जरिये लगभग 1,100 अवैध प्रवासियों को भारत भेजा गया था.
कितने भारतीय प्रभावित होंगे?
इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट के मुताबिक़, कम से कम 20,407 ‘बिना दस्तावेज’ वाले भारतीय ट्रंप प्रशासन के निशाने पर हो सकते हैं. इनमें से 17,940 भारतीय ‘अंतिम निष्कासन आदेश’ के तहत भारत भेजे जा सकते हैं, ये वो लोग हैं जिन्हें पहले ही देश छोड़ने का आदेश दे दिया गया था.
इसके अलावा 2,467 प्रवासी भारतीय अमेरिका की इमिग्रेशन और कस्टम्स एन्फोर्समेंट (ICE) एजेंसी के प्रवर्तन और निष्कासन संचालन (ERO) के तहत हिरासत में हैं, उन्हें भी भेजा जा सकता है.
प्यू रिसर्च सेंटर के आंकड़ों के अनुसार, 2022 में अमेरिका में करीब 7,25,000 भारतीय अवैध प्रवासियों के रूप में रह रहे थे, जो अमेरिका में तीसरी सबसे बड़ी ‘अनधिकृत प्रवासी’ आबादी का हिस्सा थे.
भारत सरकार का रुख़ अमानवीय व्यवहार बर्दास्त नहीं
इस बारे में भारत का रुख यह है कि वह अमेरिका से अवैध प्रवासियों को जांच के बाद स्वीकार करने के लिए तैयार है. पिछले महीने विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो से मुलाकात के दौरान यही संदेश दिया था.
जयशंकर ने कहा था, ‘अवैध प्रवास का संबंध अक्सर अन्य गैर-कानूनी गतिविधियों से होता है. यह न तो वांछनीय है और न ही हमारी छवि के लिए लाभदायक. यदि हमारे किसी नागरिक को अमेरिका में अवैध रूप से पाया जाता है और उनकी नागरिकता की पुष्टि हो जाती है, तो हम उन्हें भारत वापस लाने के लिए तैयार हैं.’
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से बातचीत के बाद ट्रंप ने भी कहा कि मोदी ने उन्हें आश्वासन दिया है कि वे सही कदम उठाएंगे — इसका मतलब है कि भारत अमेरिका से अवैध प्रवासियों को वापस लेने के लिए तैयार है. परंतु भारत ने यह स्पष्ट किया है कि वह अपने नागरिकों की वापसी को स्वीकार कर रहा है परंतु भारत के नागरिकों के साथ दुनिया में कहीं भी अमानवीय व्यवहार बर्दाश्त नहीं किया जाएगा.
भारत के अलावा कहां-कहां के नागरिक वापस भेजे जा रहे हैं?
अब तक इसी तरह के अमेरिकी सैन्य विमानों ने अमेरिका से ग्वाटेमाला, पेरू और होंडुरास के लिए प्रवासियों को पहुंचाया है. यह ट्रंप द्वारा अमेरिका में अवैध प्रवासियों को बाहर करने के लिए लागू की गई प्रवासी विरोधी नीतियों के तहत हो रहा है.
इस मामले पर दिल्ली में अमेरिकी दूतावास के प्रवक्ता ने कहा है, ‘अमेरिका अपनी सीमाओं को सख्ती से लागू कर रहा है, आव्रजन कानूनों को कड़ा कर रहा है और अवैध प्रवासियों को हटा रहा है. इन कदमों का साफ संदेश है: अवैध प्रवास का जोखिम उठाना बेकार है.’
बता दें कि जब से अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप दोबारा सत्ता में आए हैं, उनकी नई सरकार ने प्रवासी विरोधी एजेंडा को प्राथमिकता दी है.
ट्रंप प्रशासन देश में अवैध या बिना दस्तावेज वाले प्रवासियों को निशाना बना रहा है. न्यूयॉर्क टाइम्स के अनुसार, अब तक जिन सैन्य विमानों ने लैटिन अमेरिका के लिए उड़ान भरी है, उनमें वे लोग सवार थे जिन्हें जो बाइडेन सरकार के दौरान हिरासत में लिया गया था.
अवैध प्रवासी भारतीयों को लेकर भारत का आधिकारिक बयान
भारत ने क्या कहा?
जानकारी के अनुसार अमेरिकी वायुसेना का सी-17 ग्लोबमास्टर विमान भारतीय नागरिकों को लेकर अमृतसर एयरपोर्ट पर पहुंच रहा है. अमेरिकी दूतावास के प्रवक्ता ने उड़ान की जानकारी साझा करने से इनकार करते हुए कहा, ‘अमेरिका अपनी सीमा की सुरक्षा को लेकर सख्त है, आव्रजन कानूनों को सख्त कर रहा है और अवैध प्रवासियों को निकाल रहा है.’
अमेरिकी अधिकारियों ने लगभग 18,000 अवैध भारतीय प्रवासियों की पहचान की है. ट्रंप के दूसरे कार्यकाल के लिए सत्ता में आने के कुछ दिनों बाद, भारत ने अवैध आव्रजन से संबंधित मुद्दों के समाधान के लिए अमेरिका के साथ काम करने की इच्छा व्यक्त की. पिछले महीने विदेश मंत्रालय ने कहा था कि वह अवैध आव्रजन का विरोध करता है और अमेरिका में अवैध रूप से रह रहे भारतीयों को वापस लेने के लिए तैयार है, बशर्ते उनकी नागरिकता सत्यापित हो.
ट्रंप प्रशासन का सख्त डिपोर्टेशन प्रोग्राम
डोनाल्ड ट्रंप के राष्ट्रपति बनने के बाद अमेरिका में अब तक का सबसे बड़ा डिपोर्टेशन अभियान चलाया गया है। इस अभियान के तहत अमेरिका ने अवैध अप्रवासियों की पहचान कर उन्हें उनके मूल देशों में भेजने की कार्रवाई तेज कर दी है।ब्लूमबर्ग की एक रिपोर्ट के अनुसार, भारत और अमेरिका ने मिलकर लगभग 18,000 ऐसे भारतीय नागरिकों की पहचान की है, जो बिना वैध दस्तावेजों के अमेरिका में रह रहे हैं। ट्रंप प्रशासन के दबाव में अमेरिकी रक्षा मंत्रालय (पेंटागन) ने टेक्सास और कैलिफोर्निया में हिरासत में रखे गए 5,000 से अधिक प्रवासियों को भी डिपोर्ट करना शुरू कर दिया है।
भारत और अमेरिका के बीच कूटनीतिक वार्ता
हाल ही में अमेरिका के विदेश मंत्री मार्को रूबियो ने भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर से मुलाकात कर इस मुद्दे पर चर्चा की थी। दोनों देशों के बीच इस विषय पर लगातार बातचीत जारी है ताकि अवैध अप्रवासियों के मुद्दे को हल किया जा सके।प्यू रिसर्च सेंटर के आंकड़ों के मुताबिक, अमेरिका में करीब 7.25 लाख अवैध भारतीय अप्रवासी रहते हैं। यह संख्या दुनिया में अवैध अप्रवासियों की तीसरी सबसे बड़ी श्रेणी में आती है, जिसमें पहले स्थान पर मेक्सिको और दूसरे स्थान पर अल सल्वाडोर है। अमेरिका में रोजगार और बेहतर जीवन की तलाश में हर साल हजारों भारतीय अवैध रूप से प्रवेश करते हैं। लेकिन ट्रंप प्रशासन की सख्ती के बाद अब ऐसे अप्रवासियों की मुश्किलें बढ़ गई हैं।भारत सरकार इस मसले को लेकर अमेरिकी अधिकारियों से लगातार बातचीत कर रही है ताकि डिपोर्ट किए गए भारतीयों की वतन वापसी को व्यवस्थित ढंग से अंजाम दिया जा सके। भारत सरकार की प्राथमिकता यह सुनिश्चित करना है कि इन नागरिकों को उचित सहायता मिले और वे अपने देश में फिर से बस सकें।
अमेरिका से भारत लौट रहे इन अप्रवासियों के लिए आगे की राह आसान नहीं होगी, लेकिन सरकार उनकी मदद के लिए आवश्यक कदम उठाने को तैयार है। अब देखना यह होगा कि इस मुद्दे पर दोनों देशों के बीच आगे क्या सहमति बनती है और कितने और भारतीयों को अमेरिका से वापस लाया जाता है।
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